उदयपुर। वैद्य शोभालाल औदिच्य ने कहा कि आयुर्वेद के छोटे-छेाटे नुस्खे एवं सिद्धान्तों पर ध्यान रखा जाए तो जीवन को आरोग्य बनाया जा सकता है।
वे आज महाराणा प्रताप वरिष्ठ नगारिक संस्थान द्वारा विज्ञान समिति में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद में सामान्य बीमारियों का इलाज घरेलू खान-पीन की वस्तुओं का उपयोग आयुर्वेद सिद्धान्तों के आधार पर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रोग का मुख्य कारण खान-पीन में अनियमितता,लम्बे समय तक कब्ज रहना, व्यायाम नहीं करना, पैदल नहीं चलना, अत्याधिक मानसिक तनाव, वायरल संक्रमण आदि है।
यदि व्यक्ति अपनी दिनचर्या को ही सहीं कर लें तो उसे दीर्घायु जीवन जीने से कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने स्वाइन फ्लू के उपाचार के बारे में भी जानकारी दी। वैद्य दिलखुश सेठ ने कहा कि स्वस्थ शरीर का अर्थ है पैर गरम, पेट नरम एवं सिर ठण्डा होना चाहिये। यह सब व्यक्ति पर निर्भर करता है कि वह किस प्रकार का जीवन जीना चाहता है। प्रारम्भ में महासचिव भंवर सेठ ने सभी का स्वागत किया। ईश वंदना कुसुम त्रिपाठी ने प्रस्तुत की। अध्यक्ष चौसरलाल कच्छारा ने धन्यववाद दिया।