राजएप्टीकोन-2015 का रंगारंग समापन
उदयपुर। राजस्थान अभा फार्मेसी शिक्षा संघ के तत्वावधान में पेसिफिक विश्वविद्यालय सभागार में राजएप्टीकोन-2015 के समापन समारोह में जयपुर के प्रोफेसर डॉ. एनके गुरवानी ने कहा कि फार्मेसी स्नातक के साथ मैनेजमेंट कोर्स करने पर विद्यार्थियों को विभिन्न राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय कम्पनी में कम से कम 8 से 10 लाख के शुरूआती पैकेज मिलते है। इस प्रकार के फार्मेसी छात्रों के हमेशा मांग बनी रहती है।
पेसिफिक विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बीपी शर्मा ने फार्मेसी की समाज में बढती हुई उपयोगिता पर प्रकाश डाला। उद्यमिता विकास पर प्रकाश डालते हुए पंचकुला (हरियाणा) के वैज्ञानिक डॉ. राहुल तनेजा ने कहा की फार्मेसी में स्वयं का उद्योग स्थापित करने की विपुल संभावना है। एवं फार्मेसिस्टों के मौलिक ज्ञान का उपयोग कर बहुराष्ट्रीय कम्पनियां खरबों रूपयों का व्यापार कर रही है। अब समय आ गया है जब फार्मेसिस्ट स्वयं अपने बौद्धिक क्षमता अधिकारों का उपयोग कर करोडो रूपये कमा सकते है। उन्होने छात्रों को प्रोत्साहित करते हुए प्रख्यात लेखक चेतन भगत के लेखन थ्री इडियड एवं टू स्टे्ट के कॉपीराइट्स के बारे में भी बताया ।
जोधपुर के प्रोफेसर डॉ. नागौरी ने छात्रों से अपने अपने क्षेत्रो मे पूर्ण सफलता पाने के लिए अंग्रेजी मे संप्रेषण की योग्यता का होना आवश्यक बताया । इससे पूर्व आज वैज्ञानिक पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें दो सो पचास पोस्टरों को विभिन्न विषय विशेषज्ञों के द्वारा आकलन किया गया।
फार्मास्युटिक्स में आशुतोष पारीख व जैनब अटारी, फार्माकॉलोजी में रजनी सिहाग व प्रियवदा पांडे, फार्मकेमिस्ट्री में ऋचा दयारमानी व संदीप अरोड़ा, फार्माकॉगनोसी में रेणु सोलंकी व पुनाशिया राकेश, फार्मासिटीकल एजुकेशन एवं मैनेजमेंट में नमिता अरोड़ा व प्रिया पोरवाल क्रमश: प्रथम व द्वितीय रहे। संगोष्ठी के अध्यक्ष डॉ. इन्द्रजीत सिंघवी ने कहा कि सभी प्रतिभागियों एवं कार्यक्रताओं को सफलता का श्रेय देते हुए बधाई दी। और कहा इस प्रकार के संगोष्ठियों से फार्मेसी के क्षेत्र में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। पेसिफिक विश्वविद्यालय के सचिव राहुल अग्रवाल एवं कुलसचिव शरद कोठारी ने आंगतुओ को बधाई देते हुए आर्शिवचन प्रदान किए।
मंच पर बीएन फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. एमएस राणावत, डॉ. चेतनसिंह चौहान, जयपुर के डॉ. राकेश गुप्ता, राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के सहायक कुलसचिव डॉ. श्रीभान मृदगुल, डॉ. पीयूष शर्मा एवं डॉ. राजेश आशेजा आदि उपस्थित थे। डॉ. कमल सिंह राठौड़ ने संगोष्ठी की विस्तृत रिपोर्ट पेश की। एवं गीतांजली विश्वविद्यालय के मुख्यकार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर अशोक दशोरा ने धन्यवाद देते हुए फार्मेसिस्टों के उज्जवल भविष्य की कामना की और कहा कि भारत सरकार के नए निर्णय के (हॉस्पीटल एवं क्लिनिकल फार्मेसिस्ट की नियुक्ति) के साथ ही फार्मेसिस्टों के कंधों पर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आयी है। जिसको हम सभी पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से निभाएंगे।