लोकायुक्त कोठारी ने कहा
उदयपुर। राजस्थान के लोकायुक्त एसएस कोठारी ने कहा कि वर्तमान में सामुदायिक हितों के स्थान पर व्यक्तिगत हितों को ज्यादा महत्ता दी जा रही है जिस कारण भ्रष्टाचार के प्रकरणों में बढ़ोत्तरी हुई है। वे सोमवार को जनसुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
कोठारी ने कहा कि लोकायुक्त सचिवालय को प्राप्त होने वाली शिकायतों पर शीघ्र, न्यायपरक व निष्पक्ष कार्यवाही की जाती है। उन्होंने बताया कि दुर्भावना से प्रेरित और झूठी शिकायतों को लोकायुक्त द्वारा निरूत्साहित किया जाता है। उन्होंने कहा कि 1973 से राजस्थान में लागू लोकायुक्त अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी, संस्था की कार्यप्रणाली और अधिकार क्षेत्र की जानकारी जनसाधारण तक पहुंचाने के लिए लोकायुक्त सचिवालय द्वारा जिलों में पहुंच कर शिविरों के माध्यम से संवाद स्थापित किया जा रहा है।
इससे पूर्व लोकायुक्त सचिवालय के उप सचिव उमाशंकर शर्मा ने समस्त आगंतुकों का स्वागत करते हुए लोकायुक्त सचिवालय की जानकारी दी। सरपंच संबंधी शिकायतों के लोकायुक्त के कार्यक्षेत्र में नहीं होने की स्थिति पर बताया कि वर्ष 1973 में लोकायुक्त कानून के निर्माण के बाद अब तक किसी प्रकार का संशोधन नहीं किया गया है इसी वजह से इस प्रकार की स्थितियां हैं।
आई 37 शिकायतें : कलक्ट्रेट सभागार में लोकायुक्त सचिवालय के अधिकारियों के द्वारा आयोजित जनसुनवाई दौरान कुल 37 शिकायतें प्राप्त हुई। कोठारी ने कहा कि यद्यपि भारत में अब तक केन्द्र में लोकपाल कानून प्रभावी नहीं बन पाया है परन्तु राजस्थान देश का तीसरा राज्य है जहां 1973 से यह कानून प्रभावी है। उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी के खिलाफ झूठी शिकायत होती है तो उसे भयमुक्त रहना चाहिए। लोकायुक्त सचिवालय शीघ्र ही मामलों का निस्तारण करता है। ऐसे में विभागों को भी तथ्यात्मक रिपोर्ट तत्परता से पेश करनी चाहिए ताकि ऐसे मामलों को जल्दी निबटाया जा सके।
जिला कलक्टर ने लोकायुक्त द्वारा अधिकारियों को कार्यशैली के विषय में खुलकर एवं सटीक बातचीत के लिए बधाई दी। बैठक में पुलिस अधीक्षक अजयपाल लाम्बा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) मनवीर सिंह अत्री, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) छोगाराम देवासी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।