उदयपुर। बार एसोसिएशन की ओर से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्यह में बार सभागार में वरिष्ठं महिला अधिवक्ताेओं व अन्य अधिकारियों का सम्मा न किया गया। न्याहयाधीश जयश्री ठाकुर ने कहा कि महिलाएं पहले स्वकयं का सम्मावन करें और अन्यर महिलाओं का साथ दें।
बार अध्यक्ष प्रवीण खण्डेलवाल ने बताया कि 25 वर्ष से अधिक वकालत का अनुभव रखने वाली महिला अधिवक्ता (शकन्तला जोशी, प्रमोदिनी बक्षी, सुशीला कोठारी, विमला त्रिवेदी, हमीदा बानु, उषा दुबे, मीनाक्षी नागोरी, मंजू चौहान, पूर्णिमा गुप्ता, मोहिनी साधवानी, शन्नो पाठक, शमीम बानो, हमीदा मोतीवाला, पुष्पा खासगीवाले, निर्मला सहलोत, सरोज शर्मा, सर्वेश कुमारी शर्मा, सविता जैन) का स्मृति चिन्ह एवं उपरणा ओढाकर सम्मान किया गया। विभिन्न क्षेत्रों में अग्रणी विनिशा जोशी एवं पुलिस उपअधीक्षक रानू शर्मा का भी सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में ‘महिला सशक्तीकरण विधिक प्रावधान’ विषयक परिचर्चा में न्या,याधीश जयश्री ठाकुर एवं विशिष्टल अतिथि मधु मेहता थीं। ठाकुर ने कहा कि महिलाओं के प्रति शारीरिक अत्याचार तब तक नहीं रुकेंगे जब तक महिला दूसरी महिला का साथ नहीं देगी। महिला को शारीरिक एवं मानसिक रूप से अत्याचार के विरूद्ध लड़ने के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये व महिलाओं को अपने परिवार की महिलाओं का शैक्षणिक योग्यता पर जोर देना चाहिए।
विशिष्टअ अतिथि मधु मेहता ने वर्तमान महिला सशक्तीकरण का दौर चल रहा है, कन्या के महत्व पर जोर देना चाहिए। अध्यक्षता रजनी डांगी ने की। पुलिस उपधीक्षक रानू शर्मा ने कहा कि भगवान ने महिलाओं को जन्म से ही सशक्त बनाया है लेकिन आस पास के वातावरण उसे कमजोर करता है। महिला के सशक्तीकरण के लिये पुलिस द्वारा शीघ्र ही कार्यक्रम आरम्भ करने की तैयारी की जा रही है। सिस्टर डेनियल ने कहा महिलाओं पर जाति पाति के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। आप सक्षम हो तो दूसरे मानव की सेवा करनी चाहिए।
कार्यक्रम में बार उपाध्यक्ष हरीश चन्द्र आमेटा, सचिव खुशबू नैणावा, लाइब्रेरी सचिव मनमोहन सिंह चौहान, सहवृत सदस्य प्रकाश चंद जैन, हेमेन्द्र सिंह राव, मुस्तकील खान, विजय सिंह चौहान, बार एसोसिएशन के सभी महिला अधिवक्तागण एवं अधिवक्तागण मौजूद थे। संचालन भूमिका चौबीसा व खुशबू नैणावा द्वारा किया गया।