पिपलांत्री स्मार्ट विलेज
उदयपुर/राजसमंद। हाईटेक होने के साथ ही राजसमंद का पीपलांत्री गांव अपनी प्राकृतिक सुन्दरता को भी कायम रखे है। हाइटेक अप्रोच के लिए पीपलांत्री खास जगह रखता है जिसे करीब से जानने के लिए जन स्वास्य्हाइ अभियांत्रिकी विभाग जिला ग्रामीण खण्ड उदयपुर की ओर से पत्रकारों का एक दल आज पिपलांत्री पहुंचा और जाना कि कैसे बना पिपलांत्री स्मार्ट विलेज।
यह कहने के लिए सिर्फ गांव है लेकिन यहां हर वो सुविधा है जो शहरों में है। खास बात यह भी कि शहरों की तरह यह गांव सर्व सुविधायुक्त तो है लेकिन शहरों की तरह प्रदूषण नहीं बल्कि प्राकृतिक सुन्दरता बिखरी है।
बेटी के जन्म पर लगाते हैं 111 पौधे : पिपलांत्री के पूर्व सरपंच श्यामसुंदर पालीवाल ने बताया कि 2007 में निर्मल पंचायत घोषित राजसमंद जिले की पिपलांत्री ने न केवल सिर्फ बेटियों को बचाने, बल्कि उनके बहाने चारों तरफ हरियाली से लबरेज माहौल पैदा करने की एक कामयाब मिसाल तैयार की है। पिपलांत्री में एक बेटी जन्म लेती है तो गांव के लोग एक सौ ग्यारह पेड़ लगाते हैं और उनके फलने-फूलने से लेकर देखरेख तक का पूरा इंतजाम करते हैं। इस तरह बेटियों के प्रति यह स्वीकार-भाव पर्यावरण संरक्षण के अभियान का भी रूप ले चुका है, वहीं राखी के दिन बेटियां पेड़ों को राखी बांधती हैं।
पंचायत की तरफ से 21 हजार रुपए की राशि का फिक्स डिपॉजिट लड़की के नाम करवाया जाता है। यही नहीं गांव के वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ने देश को ही नहीं बल्कि विदेशों को भी इंस्पायर किया है। पालीवाल बताते हैं कि 12 साल पहले यहां भी गंदगी थी। सुविधा कुछ नहीं। शुरुआत पंचायत भवन को एसी युक्त व हाईटेक बनाने से की। अतिक्रमण हटाकर सड़क चौड़ी की।
पिपलांत्री की हर महिला है, आर्थिक रूप से सुदृढ
गांव की महिलाएं विशेष रूप से ऐलोवेरा से निकलने वाले रस से कई प्रकार के उत्पाद तैयार कर रही है जिसे बेचने के लिए उन्हें कहीं बाहर नहीं जाना पडता, बल्कि लोग स्वयं इस उत्पाद को खरीदने के लिए यहां आते है। पिपलांत्री गांव में स्वयं सहायता समूह की महिलाएं बताती हैं कि बेकार से समझे जाने वाले ग्वारपाठा को हमने पूरे गांव में उगाया ओर आज इस गांव मे करीब 10 लाख से भी ज्यादा ग्वारपाठा लगे हैं जिनका उपयोग इस स्वयं सहायता समूह की महिलाएं फेस वॉश, बॉडी लोशन, शेम्पू आदि उत्पाद बनाने मे करती हे। इन उत्पादों की बिक्री से महिलाओं को प्रतिमाह 12 से 15 हजार तक की आमदनी होती हे जिससे महिलाओं का आर्थिक स्तर सुधरा है। इन सभी उत्पादों को पिपलांत्री के नाम से ही रजिस्टर्ड करवाया गया है।