नृत्य सम्राट स्वं.पं मथुरा प्रसाद जी की 53 वीं पुण्य तिथि
उदयपुर। मथुरा प्रसाद संगीत कला क्षेत्र एवं पं. जगन्नाथ प्रसाद स्मृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में नृत्य सम्राट पं मथुरा प्रसाद जी की पुण्य स्मृति में मल्लातलाई स्थित शारदा भवन में संगीत संध्या का आयोजन किया गया। जिसमे संगीतकार मीठालाल द्वारा प्रसतुत की गर्द राग मिश्र खमाज एंव ठुमरी से श्रोता आल्हादित हो गये।
कार्यक्रम में क्लोरिनेट वादक मीठालाल के साथ तबले पर किशोर कुमार ब्यावट ने की। कार्यक्रम में संगीत मूर्ति स्वं. पं. जगन्नाथ प्रसाद के पुत्र नरेन्द्र ब्यावट ने नृत्य सम्राट पं. मथुरा प्रसाद द्वारा रचित राग शंकरा में शिव पार्वती की रचना राज में शिव रमत विश्वम्भर की प्रभावी प्रस्तुति दी, इसी के अंतर्गत पं. मथुरा प्रसाद द्वारा रचित कवित्त, परन, एवं नृत्याचार्य पं. बद्री प्रसाद द्वारा रचित तोडे एवं टुकडे तथा पं. जगन्नाथ प्रसाद संगीत मूर्ति द्वारा रचित कवित्त तोडे प्रस्तुत करके तीनों महान पण्डित विभूतियों की याद ताजा कर दी। ब्यावट के साथ तबला एवं हारमोनियम की प्रभावी संगत किशोर कुमार ब्यावट एवं महेन्द्र कुमार ब्यावट ने की। इस अवसर पर भिण्डी बाजार घराने के पंकज राव ने राग हंस ध्वनि में विलम्बित रचना प्र्रभु दीन बंधु व मध्य लय लागी लगन प्रस्तुत की। प्रस्तुति के अंत में आपने अपने दादा गुरू स्वं. पं. जगन्नाथ प्रसाद संगीत मूर्ति की रचना राग, रागेश्री कौंस, मंगल गावो में भिण्डी बाजार घराने की विशेषताओं बलपेच, मुखबिलास, खण्डमेर, लयकारी, चपलगति तान, आदि प्रस्तुत कर घराने की विशेषताओं को बखूबी पेश किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन एवं नृत्य सम्राट स्व. पं. मथुरा प्रसाद के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ। इस अवसर पर स्व. पं. मथुरा प्रसाद के कृतित्व पर आधारित उनके स्वरचित तोडे एवं उनकी उपलब्धियों को प्रदर्शनी के माध्यम से प्रदर्शित कर वर्तमान विद्यार्थियों को इस क्षेत्र में आगे बढऩे हेतु प्रेरित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता घनष्याम वर्मा (सेवानिवृत) ने की। मुख्य अतिथि पं. मथुरा प्रसाद की शिष्या श्रीमती शकुतंला पंवार एंव विशिष्ट अतिथि दामोदर लाल वर्मा एवं गोवर्धन पंवार थे। कार्यक्रम में संगीत विद्यालयों के विद्यार्थियों ने भी भाग लिया। कार्यक्रम में अंत में धन्यवाद की रस्म कीर्ति कुमार वर्मा ने अदा की। कार्यक्रम का संचालन दिलीप आर्य एवं शिखा बहल ने किया।