हिन्दुस्तान जिंक कर रहा है ‘सखियों’ के लिए नये प्रशिक्षकों की खोज
उदयपुर। हिन्दुस्तान जिंक के निदेशक मण्डल में निदेशक एआर नारायणस्वामी, अरूण टोडरवाल एवं आर. कानन ने मटून माइन्स में ‘सखी’ ग्रामीण उद्यमी महिलाओं के द्वारा उत्पादित उत्पादों को देखा।
निदेशकों ने ग्रामीण महिलाओं के द्वारा बनाये गये मसाले, पेपर से बने सामान आदि को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की और हिन्दुस्तान जिंक द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। इस अवसर पर निदेशकों ने पौधारोण भी किया। मटून में ‘सखी’ महिलाएं मसाले बनाना, अखबार के कागजों से बेहतरीन टोकरियों व अन्य साज-सज्जा का सामान बना रही है जो कि अपने आप में अनोखी कला है। कम लागत से बनने वाला यह सामान लोगों को बहुत प्रभावित कर रहा है।
हिन्दुस्तान ज़िक के हेड-कार्पोरेट रिलेशंस सीएसआर मेहता एवं हेड-कार्पोरेट कम्यूनिकेशन पवन कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक के ‘सखी’ अभियान, के अन्तर्गत हिन्दुस्तान जिंक ग्रामीण व आदिवासी महिलाओं के सामाजिक व आर्थिक सषक्तिकरण के लिए कार्य कर रहा है।
कौशिक ने बताया कि हिन्दुस्तान जिंक इन ग्रामीण महिलाओं को नये प्रशिक्षण प्राप्त कराने की और कार्य कर रहा हैं तथा इससे संबंधित विषेषज्ञों की खोज भी कर रहा है। ‘सखी’ स्वयं सहायता समूह में अनेकों महिलाएं सिलाई कढ़ाई से जुड़कर वस्त्र बनाने का कार्य भी कर रही है। मटून की और भी महिलाएं ‘सखी’ सहायता समूह से जुड़ने को तत्पर है तथा हिन्दुस्तान जिंक ने नये समूहों को बनाने का कार्य भी प्रारंभ कर दिया है। हिन्दुस्तान जिंक अपने ‘सखी’ अभियान द्वारा ग्रामीण महिलाओं को सामाजिक व आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए व्यवसायिक प्रषिक्षण द्वारा इन ग्रामीण महिलाओं को एक उद्यमी के रूप में परिवरतित कर रहा है, यह बहुत ही सराहनीय कार्य है तथा ग्रामीण परिवारों को मुख्य धारा से जोड़ने के लिए बेहद सफल साबित होगा।