उदयपुर को मेडिकल हब बनाने की चुनौतियों पर यूसीसीआई में सेमिनार
उदयपुर। ‘आरामदायक जीवनशैली, अस्वास्थ्यकर खाद्य पदार्थों का बढ़ता चलन, दैनिक जीवन में प्रतिस्पर्धा, भागदौड़ एवं टेंशन बढ़ना आदि कई ऐसे कारण है जिनके कारण बीमारियां बढ़ी है। रक्तचाप, डायबिटीज, हृदय रोग सम्बन्धी बीमारियां अपेक्षाकृत कम उम्र के लोगों को भी शिकार बनाने लगी है। पेशेन्ट्स को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये हॉस्पीटल्स एवं मेडिकल स्टाफ की बडी संख्या में आवश्यकता है।
ये विचार जीबीएच अमेरिकन हॉस्पीटल के चेयरमैन डॉ. कीर्ति जैन ने यूसीसीआई के पी.पी. सिंघल ऑडिटोरियम में व्यक्त किये। वे यूसीसीआई के स्वर्ण जयन्ती वर्श के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यानमाला में मुख्य वक्ता थे। डॉ. जैन ने कहा कि पेशेन्ट्स को आधुनिक एवं नवीनतम चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिये सम्पूर्ण विश्व में हॉस्पीटल्स, रोग जांच सुविधाओं, मेडिकल एवं पैरा मेडिकल स्टाफ की भारी मांग उत्पन्न हुई है। यही कारण है कि देश एवं विदेश में निजी क्षेत्र में मेडिकल प्रोफेशन एक सर्वाधिक लाभप्रद व्यावसायिक सेवा के रूप में विकसित होता जा रहा है।
आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने में सरकारी तंत्र के असफल रहने के कारण ही निजी क्षेत्र इस दिशा में आगे आया है। देश में बढ़ते हुए मध्यम वर्ग की यह मांग है कि अच्छी शिक्षा एवं अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो।
मेडिकल एज्युकेशन सेक्टर में क्वालिटी पर सबसे ज्यादा बल देते हुए डॉ. कीर्ति जैन ने कहा कि यदि मेडिकल स्टूडेंटस के चयन एवं उनकी शिक्षा दीक्षा में क्वालिटी का ध्यान नहीं रखा गया तो वे अच्छे डॉक्टर नहीं बन पायेंगे जिसके दुश्परिणाम पेशेंन्टस एवं आमजन को भुगतने होंगे। डॉ. जैन ने मेडिकल व्यवसाय को 15 से 25 प्रतिशत तक वार्षिक वृद्धि वाला व्यवसाय बताते हुए यूसीसीआई सदस्यों से इस क्षेत्र में निवेश एवं सहयोग किये जाने का सुझाव दिया।
डॉ. जैन ने कहा कि चिकित्सा सम्बन्धी नवीनतम आधुनिक मशीनों, प्रोफेशनल ट्रेंड मेडिकल स्टाफ तथा रोग जांच एवं निदान में कुशल डॉक्टर्स से युक्त बडे प्राइवेट हॉस्पीटल्स के माध्यम से उदयपुर को मेडिकल हब के रूप में विकसित किया जा सकता है। किन्तु इसके लिये आवश्योक है कि निजी क्षेत्र के हॉस्पीटल्स आमजन में अच्छी चिकित्सा सेवाओं की साख कायम करें। एक्सीडेन्ट, हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक आदि में इमर्जेन्सी मेडिकल सर्विस देना, इन्टेंसिव केयर, गम्भीर रोगों के सफल निदान आदि वे क्षेत्र है जिनसे अस्पताल की साख कायम होती है। अमरीका एवं यूरोपीयन देषों का उदाहरण देते हुए डॉ. कीर्ति ने बताया कि वहां टेलीफोन पर इमरजेंसी नम्बर 911 डायल करते ही आमजन को इमर्जेन्सी मेडिकल सेवा उपलब्ध हो जाती है जिसमें एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी शामिल है। भारत में भी पश्चिमी देषों की तर्ज पर उच्चस्तरीय मेडिकल सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा सकती है तथा निजी क्षेत्र के कई अस्पताल बड़े शहरों में मानक स्तर की चिकित्सा सुविधाएं प्रदान भी कर रहे है। डॉ. राकेष गुप्ता ने अपने सम्बोधन में प्रीवेंटिव हेल्थ केयर पर बल दिया। आरंभ में यूसीसीआई अध्यक्ष वीपी राठी ने स्वागत उदबोधन दिया। संचालन यूसीसीआई के मानद महासचिव जतिन नागौरी ने किया। अन्त में वरिष्ठध उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी ने सभी को धन्यवाद दिया।