संभाग के औद्योगिक विकास में सुविधाओं की चुनौतियां’ विषय पर बोले वंडर सीमेंट के एमडी
उदयपुर ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेन्ट पूरी तरह से सरकार पर निर्भर है। इन्फ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट के लिये आवश्यिक बजट एवं संसाधन सरकार के पास ही उपलब्ध है। औद्योगिक विकास के लिये बेहतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु सरकार पर दबाव बनाने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है।’
ये विचार मेसर्स वण्डर सीमेंट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक डीपी सोमानी ने व्यक्त किये। वे उदयपुर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा चेम्बर भवन के अरावली सभागार में ‘‘उदयपुर संभाग के औद्योगिक विकास हेतु आधारभूत सुविधाओं की चुनौतियां’’ विषय पर परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे। सोमानी मुख्य वक्ता थे।
सोमानी ने बताया कि देश आर्थिक विकास के लिये औद्योगिक एवं व्यावसायिक प्रगति पर निर्भर है। देश में औद्योगिक विकास इस पर निर्भर करता है कि बेहतर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हो जिससे औद्योगिक वातावरण का निर्माण हो एवं निवेश आकर्षित हो। उदयपुर में मिनरल एवं मार्बल बेस इण्डस्ट्रीज अधिक है। लॉजिस्टिक्स इनकी मुख्य समस्या है। सीमेंट उद्योग में लगभग 25 से 30 प्रतिशत राशि लॉजिस्टिक्स पर व्यय की जाती है। यदि बेहतर लॉजिस्टिक्स उपलब्ध हो तो लागत में 50 प्रतिशत तक कमी लाई जा सकती है। सोमानी ने बताया कि सीमेंट इण्डस्ट्री में लगभग 70 प्रतिशत माल का परिवहन रेल के माध्यम से होता है एवं 30 प्रतिशत सड़क मार्ग से होता है। यदि उदयपुर-अहमदाबाद ब्रॉडगेज निर्माण का कार्य पूर्ण हो जाता है तो उद्योगों को अपने माल परिवहन हेतु बेहतर सुविधा प्राप्त हो सकेगी एवं उदयपुर सम्भाग का माल दक्षिणी भारत में कम लागत पर सुलभ हो सकेगा। चित्तौड़गढ़ से नया गांव तक के सड़क मार्ग को परिवहन व्यवस्था की बोटल नेक बताते हुए सोमानी ने आशा जताई कि सरकार शीघ्र ही मार्ग को बेहतर बनाएगी।
पूर्वाध्यक्ष केएस मोगरा ने खेमली स्थित इनलैण्ड कंटेनर डिपो को आर्थिक दृष्टि से व्यावहारिक बनाने हेतु उद्योगों से अपील की कि अपने माल का परिवहन डिपो के माध्यम से करें। उदयपुर संभाग में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिये सोमानी ने यहां बड़े एवं हेवी इंजिनियरिंग आधारित उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने पर जोर दिया जिससे इन उद्योगों में मशीनी कलपुर्जे सप्लाई करने हेतु अन्य सहायक उद्योग भी स्थापित हो सकें। संचालन महासचिव जतिन नागौरी ने किया।