उदयपुर पुलिस ने किया हाइटेक नकल का भाण्डाभोड़
राज्य भर में पकड़ाए आरोपी
उदयपुर। राजस्थान लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित कनिष्ठ लेखाकार व तहसील राजस्व लेखाकार परीक्षा-2013 दौरान हो रही हाईटेक नकल को उजागर करते हुए उदयपुर पुलिस ने नकल करते दो 3 युवकों को हाइटेक उपकरणों के साथ गिरफ्तार किया।
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने बताया की पंजाब में आतंकवादी हमले तथा स्वतन्त्रता दिवस समारोह के दौरान सुरक्षा को दृष्टिगत जिले के सभी थानाधिकारियों को सशस्त्र ‘ए‘ श्रेणी की नाकाबंदी के निर्देश दिए गए थे। गोगुन्दा थानाप्रभारी भैयालाल आंजना मय जाब्ताक कस्बे के बाहर नेशनल हाइवे 27 पर जगलिया मोड़ी पर नाकाबंदी कर चैकिंग कर रहे थे। इसी दौरान सुबह करीब 3.30 बजे उदयपुर की तरफ से एक बिना नम्बर की स्विफ्ट कार आई जिसमे दो व्यक्ति सवार थे। कार चालक भागीरथ पुत्र मोहनराम विश्नोई, निवासी भाटिप जिला जालोर ने उक्त परीक्षा के लिए अपने साथी बाबूलाल पुत्र गंगाराम जाट के साथ पाली जाना बताया जिसका व्यवहार संदिग्ध होने पर सघन पूछताछ कर तलाशी ली गई तो कार से एक मोबाइल डिवाइस लगी बनियाननुमा जैकेट, माइक्रो ब्लुटुथ, माइक्रो सेल तथा परीक्षा का प्रवेशपत्र बरामद हुआ। उक्त सामान को अपने साथी जगदीश विश्नोई से खरीद कर उक्त कनिष्ठ लेखाकार परीक्षा के दौरान नकल में प्रयोग करना बताया। जगदीश ने अन्य लोगों को भी ऐसा सामान देना बताया। सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (मुख्यालय) हनुमान प्रसाद के निर्देशन में साइबर सेल द्वारा अभ्यर्थियों द्वारा बताये गये नम्बरों की छानबीन व विश्लेषण कर हिरनमगरी क्षेत्र में थानाधिकारी छगन पुरोहित द्वारा खेताराम पुत्र सावता राम विश्नोई (सियाग) निवासी विष्णुनगर, लुणी, जिला जोधपुर को इन्हीं उपकरणों से नकल करते हुए गिरफ्तार किया। आरोपियों की सूचना पर उक्त अभ्यर्थियों को मेाबाइल से नकल करा रहे 4 मुख्य आरोपियों को बाड़मेर जिला पुलिस के माध्यचम से गुडा मालानी कस्बे के एक फार्म हॉउस से गिरफ्तार कराया गया। इसी क्रम में जिला पुलिस की सूचना पर नकल कर रहे राजसमंद में 2 अभ्यर्थी तथा पाली में भी 2 नकलचियों की गिरफ्तारी की गई। इनके खिलाफ सार्वजनिक परीक्षा में अनुचित साधनो का प्रयेाग निशेध अधिनियम तथा आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज कर नियमानुसार अनुसधान किया जाकर शेष आरोपियों की तलाश जारी है।
इस प्रकार कराते थे नकल : मुख्य सरगना द्वारा इस प्रकार के अभ्यर्थियों से सम्पर्क क्रर 1.50 से 4.50 लाख रुपये में ब्लुटुथ से प्रश्नों के उत्तर बताये जाने का सौदा कर उन्हेंि एक मोबाइल डिवाइस लगी जैकेट तथा माइक्रो ब्लुटुथ तथा ग्रुप कॉलिंग से जुड़़ी हुई एक वन वे सिम दी जाती जिन्हें पहनकर अभ्यर्थी परीक्षा में बैठता। परीक्षा शुरू होने के कुछ समय पश्चात ही किसी प्रकार जुटाए गए परीक्षा प्रश्न को मय हल मोबाइल से कॉल करके सभी ग्रुप से जुड़े अभ्यर्थियों को बताया जाता था। जैकेट व ब्लुटुथ के काफी छोटे होने के कारण इनका पकड़ा जाना लगभग नामुमकिन होता है। स्थानीय भाषा में इसे मक्खी डिवाइस भी कहा जाता है।