उदयपुर। दुनिया की अग्रणी जस्ता उत्पादन कम्पनी हिन्दुस्तान जिंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अखिलेश जोशी को उल्लेखनीय एवं सराहनीय कार्यों के लिए ‘विश्वविद्यालय गौरव रत्न सम्मान 2015’ से सम्मानित किया गया।
यह सम्मान जय नारायण व्यास विश्वेविद्यालय के 53 वें स्थापना दिवस पर आयोजित भव्य समारोह में राज्यपाल/कुलाधिपति कल्याणसिंह ने राजभवन, जयपुर में स्वतन्त्रता दिवस की पूर्व बेला पर प्रदान किया। जोशी 38 वर्षों के जस्ता-सीसा-चांदी के खनन क्षेत्र में अपने विश्ष्टि अनुभवों को रखने वाले ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्तित्व हैं जिन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 2006 में उत्पादन में वृद्धि, व्यवस्थित खनन एवं खान सुरक्षा की उत्कृष्ट तकनीक के लिए राष्ट्रीय खनिज पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जोशी को वर्ष 2013 में बिजनेस टूडे बेस्ट सीईओ अवार्ड (कोर सेक्टर) में भी नवाजा जा चुका है। सितम्बर 1976 में हिन्दुस्तान जिंक से जुडने के साथ ही वे खनन क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए पिछले चार दशक से खनन दक्षता के आधार पर हिन्दुस्तान जिंक को अपने उत्पादन के क्षेत्र में अग्रणी स्थान दिलाने में महती भूमिका निभा रहे हैं।
जोशी देश के ऐसे पहले मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं जिन्हें अर्न्तराष्ट्रीय जिंक एसोसिएशन के उपाध्यक्ष पद पर नियुक्त होने का गौरव हासिल हुआ है।
युवा इंजीनियर से शुरुआत कर उसी कम्पनी में मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद तक पहुंचने के उदाहरण को प्रस्तुत करते हुए जोशी को 1 अक्टूबर 2008 में मुख्य प्रचालन अधिकारी एवं हिन्दुस्तान जिंक के पूर्णकालीन निदेशक के रूप में प्रभार दिया गया था एवं जनवरी 2012 में कम्पनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद पर नियुक्त किया गया।
जिंक को अपने जीवन का पर्याय मानने वाले श्री जोशी वर्तमान में हिन्दुस्तान जिंक में अन्वेषण और खनन गतिविधियों के विस्तार एवं विशेष तौर पर रामपुरा आगुचा माइंस में भूमिगत खनन के सुरक्षित एवं संरक्षित विकास हेतु सतत् प्रयत्नशील है।