जमीन व हैण्डीक्राफ्ट का करते हैं काम
उदयपुर। शहर की हाथीपोल थाना और स्पेशल टीम ने बुधवार को शहर में विभिन्न स्थानों पर कार्यवाही कर अवैध रूप से लेकर घूम रहे तीन युवकों को एक एंटीक पिस्टल के साथ गिरफ्तार किया है। आरोपी तीनों ही आपराधिक प्रवृति के है और लोगों को धमकाकर जमीनों और हैण्डीक्राफ्ट का काम करते है।
पुलिस अधीक्षक राजेन्द्र प्रसाद गोयल ने शहर के सभी थानाधिकारियों और स्पेशल टीम के सदस्यों को अवैध हथियारों की धरपकड़ के लिए अभियान चलाने को कहा। अभियान के दौरान हाथीपोल थानाधिकारी राजेश शर्मा, स्पेशल टीम प्रभारी गोवर्धनसिंह भाटी को सूचना मिली कि तीन युवक अलग-अलग स्थानों पर अवैध हथियारों के साथ घूम रहे है। इस पर पुलिस ने तीन टीमों का गठन कर घेराबंदी की। टीम में शामिल एएसआई निर्भयसिंह, डालचंद, कांस्टेबल योगेश, अखिलेश्वर, प्रहलाद, गणेश, सलीम, यशपाल ने तीन युवकों को पकड़ा। टीम ने एक युवक को शिक्षा भवन चौराहे पर पकडक़र तलाशी ली तो इसके पास एक पिस्टल मिली। पूछताछ में आरोपी ने अपना नाम शाकिर हुसैन पुत्र जाकिर हुसैन निवासी महाराजजी का अखाड़ा गोवर्धनविलास होना बताया। पूछताछ में आरोपी ने पिस्टल उसके पिता जाकिर हुर्सन उर्फ लंगड़ा की बताई।
इसके कुछ देर बाद ही पुलिस ने शाकिर हुसैन के अनुसार मकबूल उर्फ ठकराल पुत्र छोटू भाई मेवाफरोश निवासी कुंजरवाड़ी हाल मुर्शीद नगर के पास होना बताया। पुलिस ने आरोपी की तलाश की तो आरोपी टीबी हॉस्पीटल में घूम रहा था। वहां से आरोपी को पकड़ा। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि एक हथियार दिनेश उर्फ काउपुत्र कालूलाल हरिजन निवासी इंद्रानगर बीड़ा के पास है। पुलिस ने दिनेश हरिजन की तलाश शुरू की। तलाश में आरोपी को लोककला मण्डल के पास से पकड़ा और तलाशी में आरोपी के पास एक पिस्टल मिली। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार किया है। तीनों से पूछताछ की जा रही है।
विवादित प्रोपर्टी का काम करता था मकबूल : पूछताछ में मकबुल ने बताया कि वह विवादित प्रोपर्टी पर कब्जे करने का काम करता था। आरोपी का सेक्टर 14 में विभिन्न क्षेत्रों में विवादित प्रोपर्टी पर आदिवासियों को पिस्टल से डराकर जमीन खाली करने की एवज में लाखों रूपए लेता था। आरोपी के पास पिस्टल पांच राउण्ड का होकर एंटीक पीस है।
हत्या कर चुका है दिनेश हरिजन : दिनेश हरिजन सूरजपोल थाने का हिस्ट्रीशीटर है। उसने वर्ष 1996 में साथियों के साथ शाहिद खान की तलवार से हमला कर हत्या कर दी थी। बाद में न्यायालय से बरी हो गया।