‘भारतीय उद्योग एवं व्यापार जगत के लिये अवसर एवं चुनौतियां’ विषयक व्याख्यान
उदयपुर। ‘बड़ा उद्योगपति बनने के लिये सबसे पहले यह आवश्यक है कि आप बड़े उद्योगपति का सपना देखें। उद्योग से बड़ी संख्या में अधिकारियों एवं कर्मचारियों को रोजगार मुहैया करवाकर उनका एवं उनके परिवारजनों का आर्थिक स्तर ऊंचा उठाने का अहसास आपको इसके लिये शक्ति प्रदान करेगा।’’
ये विचार जेके आर्गेनाईजेशन के निदेशक एवं भारत की अग्रणी टायर निर्माता कम्पनी जेके टायर एण्ड इण्डस्ट्रीज के चेयरमेन एवं प्रबंध निदेशक डॉ. रघुपति सिंघानिया ने यूसीसीआई में व्यक्त किये। यूसीसीआई द्वारा ‘‘भारतीय उद्योग एवं व्यापार जगत के लिये अवसर एवं चुनौतियां’’ विषयक व्याख्यान में डॉ. सिंघानिया ने भारतीय उद्योगों व व्यापार के समक्ष चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि उद्योगों की सबसे बड़ी समस्या कार्यकुशल कर्मचारियों की कमी है। कर्मचारियों का स्किल डवलपमेंट बड़ी चुनौती है। शहरों की ओर पलायन करने वाली जनसंख्या को आवास, रोजगार, जल, विद्युत, परिवहन आदि बेसिक सुविधाएं मुहैया कराने के साथ साथ शहरों पर बढ़ने वाला दबाव एक बड़ी चुनौती है। आज ‘‘शिक्षित भारत, स्वस्थ भारत’’ अभियान शुरू करने की जरूरत है तथा लोगों को शिक्षा एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना जरूरी है। उद्योग एवं व्यवसाय को भी प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ कर महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सरकार एवं स्थानीय प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ाना सबसे बड़ी चुनौती है। इससे निवेश में अनावश्यक देरी पर अंकुश लेगेगा, उत्पादकता बढ़ेगी तथा व्यवसाय के व्यावसायिक वृद्धि का वातावरण तैयार होगा।
डॉ. सिंघानिया ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ इस प्रकार जुड़ चुकी है कि दोनो का एक दूसरे का प्रभाव पड़ता है। इस कारण अर्न्तराष्ट्रीय व्यावसायिक जगत में भारतीय उद्योग एवं व्यवसाय का महत्त्व बढ़ा है। भारतीय अर्थ व्यवस्था में खुलापन आने से भारतीय उद्योगो के लिये भी अधिक अवसर उत्पन्न हुए है।
उन्होंने कहा कि हालांकि भारतीय बाजार चीनी उत्पादों से भरे पड़े है किन्तु इसके बावजूद चीन की तुलना में आने वाला समय भारतीय अर्थव्यवस्था के लिये आशाजनक है। भारतीय निर्यात में दिन प्रतिदिन वृद्धि हो रही है। लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योग का भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है किन्तु इनके विकास के लिये अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। संचालन यूसीसीआई की सदस्य निराली जैन ने किया। उपाध्यक्ष आशीष छाबड़ा ने धन्यवाद दिया।