बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं कॉपीराईट विषयक सेमिनार
उदयपुर। उदयपुर चेम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री द्वारा राजस्थान कन्सवलटेन्सी ऑर्गेनाईजेशन लिमिटेड (राजकॉन), जयपुर के तत्वावधान में चेम्बर भवन के अरावली सभागार में जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार के आयोजन का उद्देश्यव बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं कॉपीराईट पर जागरूकता उत्पन्न करना था।
सेमिनार में भारत सरकार के विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी मंत्रालय के संस्थान कन्सल्टेन्सी डवलपमेन्ट सेन्टर, नई दिल्ली के विशय विषेशज्ञों ने इस सेमिनार में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं इससे सम्बन्धित नियमों के बारे में जानकारी दी। आरंभ में वरिष्ठ् उपाध्यक्ष हंसराज चौधरी ने सभी का स्वागत करते हुए यूसीसीआई की गतिविधियों की जानकारी दी। राजस्थान कनसलटेन्सी ऑर्गेनाईजेशन लिमिटेड (राजकॉन), जयपुर के देवेन्द्र शर्मा ने राजकॉन की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। शर्मा ने बताया कि वे अपने उत्पाद को बढ़ावा देने हेतु इसका विपणन करने के साथ साथ ट्रेड मार्क अथवा कॉपीराइट के द्वारा अपने प्रोडक्ट को संरक्षित कर सकते हैं।
कार्यक्रम के विषय विशेषज्ञ पेसिफिक विश्वाविद्यालय के उप-कुलपति डॉ. बी.पी. शर्मा ने बौद्धिक सम्पदा अधिकार एवं कॉपीराईट विशय पर प्रतिभागियों को विस्तार से जानकारी दी। डॉ. शर्मा ने कहा कि जिस प्रकार अन्य देश भारत में विक्रय हेतु विभिन्न उत्पाद बना रहे हैं उसी तरह भारत को भी दुनिया के अन्य देशों में विक्रय हेतु उत्पाद तैयार करने होंगे। डॉ. शर्मा ने प्रोडक्ट के ब्रांडिंग के सन्दर्भ में ट्रेड मार्क की उपयोगिता एवं महत्व पर प्रकाश डालते हुए भारत के ट्रेड मार्क को किस प्रकार संरक्षित किया जाता है, विशय पर अपना विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया। डॉ. षर्मा ने संगोश्ठी में परम्परागत ब्रांड्स के संरक्षण हेतु भौगोलिक सूचकों पर विवेचनात्मक विवेचन प्रस्तुत किया।
विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी विभाग के मनीष जैन ने बताया कि प्रारम्भिक विज्ञान, नई तकनीक विकसित किये जाने सम्बन्धी कार्यों तथा शोध एवं विकास गतिविधियों को बढावा देने में विज्ञान एवं टेक्नोलॉजी विभाग हर सम्भव सहायता देता है। संगोष्ठीक में यूसीसीआई सदस्यों, उद्यमियों एवं व्यावसायिक संस्थानों, अटार्नी लॉ फर्म, बिजनेस मैनेजमेंट संस्थाएं, प्रोफेषनल्स, कन्सलटेन्ट्स सहित 40 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।