विद्यापीठ में राष्ट्रीय पुस्तक मेला
उदयपुर। एक गोला बनाओ, उसमें प्लस का मार्क करे, उत्तर की ओर दो आंखें बनाओ, बीच में पानी की लहर और गोले के बाहर कान बनाओ और ये बन गया आपका कार्टून। थोड़ा सा आकार बदलो और ये तैयार हो गया नया कार्टून।
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के साझे में चल रहे उदयपुर पुस्तक मेले के छठे दिन गुरूवार को जुगलबंदी सत्र में मुम्बई से आये ख्यातनाम कार्टूनिस्ट एवं लेखक आबिद सुरती ने प्रतिभागी बच्चों को गुर सिखाए। सूरती ने बातों ही बातों में बोर्ड पर रेखाओं का जाल बुना और अलग-अलग प्रकार के कार्टून चित्रों को जीवित कर दिया। उन्होंने बताया कि कार्टून विधा में निरीक्षण का बहुत महत्व है।
अलग-अलग आकृति के लोगों को उनके चेहरों, हाव-भाव व भंगिमाओं के आधार पर आसानी से चित्रित किया जा सकता है। इस विधा को सीखने व इसे अपनी जीवनवृत्ति बनाने के लिए बहुत ही धैर्य, परिश्रम, समर्पण और एकाग्रता की आवश्यकता है। उन्होंने अपनी कलम से कार्टून कोना ढब्बूजी और अन्य कई महान हस्तियों के कार्टून बनाए। कहानीकार देवेन्द्र मेवाड़ी ने कहानी लेखक की बारीकियों बताईं और कहा कि कहानी के मुख्य तत्व चरित्र स्थान, वातावरण उद्देश्य व शैली का समन्वयन है। इनमें आत्मीयता का भाव भी हो तो कहानी मर्मस्पर्शी बन जाती है। आबिद सूरती और देवेन्द्र मेवाड़ी ने बताया कि कार्टून और कहानी विधा में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं।
कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने बताया कि दोपहर में आयोजित स्वामी विवेकानंद के जीवन पर आधारित कहानियों के सत्र में लेखक डॉ. शेखर सरकार एवं एनबीटी के संपादक द्विजेन्द्र कुमार ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के कई अनछुए पहलुओं पर चर्चा की। डॉ. सरकार ने इस विषय पर लिखी अपनी पुस्तक के संस्मरण भी सुनाए व कहा कि स्वामी विवेकानंद का पूरा जीवन दर्शन जो देखो, उसी पर विश्वास करो पर आधारित था। इस अवसर पर मेला संयोजक डॉ. कुंजन आचार्य ने भी विचार व्यक्त किए।
बड़ी संख्या में पहुंचे लोग : मेले में गुरूवार को भी बड़ी संख्या में पुस्तकों के कद्रदान पहुंचे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे भी अध्यापकों के साथ मेला प्रांगण पहुंच मनपसंद पुस्तकों को खरीदा। एनबीटी के स्टॉल पर भारत का इतिहास, विज्ञान और दर्शनशास्त्र सहित कई अन्य विषयों की दुर्लभ पुस्तकों का लोगों ने अवलोकन किया। राजस्थान विद्यापीठ विवि के रजिस्ट्रार प्रो. सीपी अग्रवाल ने बताया कि शुक्रवार को ‘आओ कहानी सुनें‘ कार्यक्रम सुबह 11 बजे होगा।