पर्यटन नीति से उदयपुर में घटा राजस्व
उदयपुर। राज्य सरकार की वर्ष 2013 में बनाई गई पर्यटन नीति के कारण पर्यटन एवं उससे जुड़े राजस्व में बढ़ोतरी के बजाय तकनीकी खामियों के चलते बिलकुल इसके विपरीत हुआ। पर्यटन तो घटा ही, इससे जुड़े क्षेत्रों में राजस्व भी घट गया।
नीति में सुधार के लिए पर्यटन क्षेत्र से जुड़े लोगों से सुझाव मांगे गये। इसको लेकर गत दिनों में पर्यटन सचिव पवन जैन की अध्यक्षता में एक बैठक भी आयोजित की गई। बैठक में भाग लेकर लौटे राजस्थान लाइन प्रोड्यूसर मुकेश माधवानी एंव अनिल मेहता ने बताया कि राजस्थान में पर्यटन को बढ़ावा देने एवं उदयपुर में फिल्मसिटी खोलने की मांग काफी वर्षों से की जा रही है। उदयपुर में फिल्मसिटी खुल जाती है तो सरकार को सालाना राजस्व 500 करोड़ रूपयें तक का प्राप्त हो सकता है लेकिन सरकार ने राजस्थान में फिल्मों, डॉक्यूमेन्ट्री फिल्मों एंव एड फिल्मों की शूटिंग के लिए पर्यटन विभाग ने जयपुर से अनुमति की शर्त जोड़ दी। साथ ही सबसे बड़ी बात यह भी जोड़ी कि यदि राजस्थान में कहीं भी सात दिन तक की शूटिंग के लिए एडवान्स 50 लाख रूपयें सिक्ययोरिटी के रूप में जमा कराने होंगे। सात दिन से अधिक की शूटिंग होने पर प्रतिदिन 10 लाख रूपए के हिसाब से विभाग को अतिरिक्त राशि जमा करानी होगी। उन्होंने बताया कि जहां सरकार एक ओर पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कह रही हे वहीं दूसरी ओर इतनी बड़ी तकनीकी खामी रख दी कि कुछ माह से राज्य में किसी भी निर्माता-निर्देशक ने इतनी भारी सिक्योरिटी राशि जमा कराने की बात पर यहां आकर फिल्म की शूटिंग करने में रूचि नहीं दिखाई।