राज्यपाल ने उदयपुर एमपीयूटी के नवें दीक्षान्त समारोह में किया उपाधियों का वितरण
उदयपुर। राज्यपाल कल्याणसिंह ने कृषि से सम्बद्ध विश्वविद्यालयों एवं कृषि वैज्ञानिकों से कृषि एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र के अनुसंधानों एवं नवाचारों की जानकारी आम किसानों तक पहुंचाने के लिए समर्पित एवं योजनाबद्ध प्रयासों का आह्वान करते हुए कहा कि इनका पूरा-पूरा लाभ तभी पाया जा सकता है जब ये अनुसंधान खेतों तक पहुंचें और किसानों को समृद्धि प्रदान करें।
राज्यपाल कल्याणसिंह बुधवार को उदयपुर के सुखाड़िया विश्वविद्यालय के विवेकानंद सभागार में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नवम् दीक्षान्त समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल ने सरस्वती की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया तथा विश्वविद्यालय की डिग्रियों का वितरण किया। समारोह में 22 स्वर्णपदक, 31 पीएच.डी., 160 स्नातकोत्तर तथा 606 स्नातक उपाधियां प्रदान की गई। दो विद्यार्थियों को जैन इरीगेशन मेडल दिए गए।
किसानों को मिले पूरा लाभ : राज्यपाल ने कृषि को अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार की सर्वाधिक संभावनाएं हैं। इसे देखते हुए प्रयोगशालाओं में होने वाले अनुसंधानों का सीधा लाभ खेतों तक पहुंचना चाहिए ताकि किसानों के लिए खेती लाभकारी सिद्ध हो सके। किसानों को उन्नत बनाने के लिए जरूरी है कि उनकी लागत, समय एवं परिश्रम का आकलन कर इसमें पचास फीसदी और जोड़कर लाभ दिया जाना चाहिए। इसमें जमीन की कीमत भी जोड़ी जानी चाहिए।
गाँव-शहरों का विकास परस्पर पूरक एवं पोषक : उन्होंने गांव को विकास की बुनियाद बताया और कहा कि गांव और खेती का विकास शहरी विकास के लिए पोषक एवं पूरक है। इस दृष्टि से उन्होंने ग्रामीण व शहरी विकास के पूरे चक्र को समझाते हुए कहा कि गांवों और खेतों से उद्योग धंधों को बल मिलेगा, क्रय शक्ति बढ़ेगी, मुद्रा एवं विपणन चक्र सृजित होगा और परस्पर सभी को लाभ प्राप्त होगा तथा विकास की नई तस्वीर उभरकर सामने आएगी।
तो गाँव स्वर्ग बन जाएं : राज्यपाल ने खेती और ग्रामीण विकास के लिए आठ सूत्र गिनाए और कहा कि इनका यदि पालन किया जाए तो गांव स्वर्ग बन जाए, देश स्वर्ग बन जाए। उन्होंने हर गांव तक पक्की सड़क, हर खेत तक सिंचाई, हर बच्चे की पढ़ाई, बिजली, स्वास्थ्य, ग्रामीण सुरक्षा, स्व रोजगार और स्वावलम्बन पर जोर दिया और कहा कि इन पर विचार किया जाए तभी ग्राम्य विकास के लक्ष्यों को पाया जा सकता है।
जैविक खाद को मिले बढ़ावा : राज्यपाल ने प्रति एकड़ पैदावार व खेत की उत्पादकता बढ़ाने पर जोर दिया और कहा कि हर तरह के लाभकारी अनुसंधान खेतों तक पहुंचने चाहिए ताकि देश का किसान नवाचारों का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त कर सके। राज्यपाल ने रासायनिक उर्वरकों के आवश्यकता से अधिक उपयोग को खेती-बाड़ी के लिए खतरा बताते हुए कहा कि इससे जमीन की ऊर्वरा शक्ति नष्ट हो रही है, जमीन ऊसर हो रही है। इसे देखते हुए जैविक खाद पर अधिक से अधिक जोर दिया जाना चाहिए। जमीन की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए मिट्टी परीक्षण पर पर्याप्त ध्यान केन्दि्रत करते हुए किसानों को जागरुक करें ताकि खेतों में जरूरी पोषक तत्वों का प्रयोग हो सके।
कुलपति प्रो. दशोरा ने विवि की उपलब्धियां गिनाई : आरंभ में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. परमेन्द्र कुमार दशोरा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए राज्यपाल एवं अन्य अतिथियों का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की गतिविधियों, उपलब्धियों एवं भावी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पी.के. दशोरा ने राज्यपाल व अन्य अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किए।
समारोह में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी, जनजातीय विश्वविद्यालय के कुलपति श्री टी.सी. डामोर, राजभवन के विशेषाधिकारी श्री एके पाण्डे सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों के अधिष्ठाता, प्रबन्धन एवं अकादमिक परिषद के सदस्य, विभिन्न संकायों के विभागाध्यक्ष, शोधार्थी, जिला प्रशासन के अधिकारीगण एवं गणमान्य प्रबुद्धजन उपस्थित थे।