udaipur. मंगलवार सुबह जब हर किसी को समाचार-पत्र का इंतजार था। व्यवसायियों के दुकान जाने का समय हुआ, नौकरी वालों का ऑफिस जाने का समय हुआ लेकिन समाचार-पत्र नहीं आया। सबसे पहले तो हॉकर को फोन लगाया और फिर पड़ोस में हर कोई पूछता नजर आया कि आपके यहां अखबार आया है? पता लगा कि आज शहर में कहीं अखबार ही नहीं बंटा।
जानकारी के अनुसार दोनों प्रमुख बडे़ अखबारों का आज हॉकरों ने बहिष्का र कर दिया। बताया गया कि हॉकरों ने अखबार में अपना कमीशन बढ़ाने की मांग को लेकर अखबार नहीं उठाए। उधर मंगलवार को दिन भर प्रबंधन-हॉकर-स्थानीय प्रबंधन के बीच बातचीत चलती रही। बताया गया कि एक अखबार समूह ने नए ग्राहकों के लिए छह माह तक अखबार के 175 रुपए की योजना निकाली। इस पर दूसरे समूह ने इस योजना के पेम्फॉलेट सभी अखबारों में बंटवा दिए। इस पर हॉकरों में भी रोष फैल गया। उनका कहना था कि पुराने ग्राहकों का क्या होगा? साथ ही हॉकरों ने अपना कमीशन भी बढ़ाने की मांग की। बताया गया कि मंगलवार को सभी हॉकरों और इनके प्रमुखों की बैठक हुई। हॉकर समूह का कहना था कि अभी तक दोनों प्रबंधन की ओर से कोई जवाब नहीं आया है जबकि एक समूह का कहना था कि almost फाइनल हो गया है। कल अखबार उठा लिए जाएंगे।
मंगलवार रात 9 बजे तक तक टाउनहॉल में हॉकरों और अखबारों के प्रबंधन की वार्तालाप चल रही थी। जानकारों ने बताया कि अखबार के प्रबंधन कमीशन बढ़ाने को लेकर समय सीमा मांग रहे हैं और हॉकर लिखित में समय सीमा बढ़ाने का आश्वासन लेने पर अडिग हैं। देर रात अखबारों के प्रबंधन ने लिखित में हाकरों को देने पर सहमति जता दी. इसके बाद हाकर अखबार उठाने पर सहमत हुए.
sad day for Print Media… not just they but all big companies must give equal respect to all workers of their company… sirf top level management hi sab kuch nahi hota… junior workers are also equally important… even the distributors of Papers are equally important…