खुदरा खाद्य पदार्थ व्यापार संघ का दो दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन
दोहरी लाइसेंस प्रणाली समाप्त नहीं हुई तो धरना देने पंजाब से आएंगे 20 हजार व्यापारी
उदयपुर। देश में सबसे सीधा समझा जाने वाला व्यापारी वर्ग सरकार की शासन एवं अधिकारियों की कार्यप्रणाली से काफी व्यथित है। राजसथान में जब से वसुन्धरा राजे सरकार बनी तब से सबसे ज्यादा व्यापारी वर्ग परेशान हुआ है। यदि उदयपुर में नगर निगम द्वारा दोहरी लाइसेंस प्रणाली समाप्त नहीं की गई तो पंजाब से 20 हजार व्यापारी यहां धरना देने आएंगे।
खुदरा खाद्यपदार्थ व्यपार संघ उदयपुर द्वारा ऑल इण्डिया रिटेलर्स फैडरेशन एवं राजस्थान प्रदेश खुदरा विक्रेता संघ की जवाहर नगर स्थित सिंधु भवन में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय एवं प्रदेश स्तरीय अधिवेशन के समापन समारोह में आज उक्त बातें उभर कर सामनें आयी। एक ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष ओंकार गोयल ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा एफएसएसएआई एक्ट लागू करने के बाद उदयपुर नगर निगम को दोहरी लाईसैंस प्रणाली लागू करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि नगर निगम इस प्रणाली को समाप्त नहीं करता है तो मजबूर हो कर पंजाब से 20 हजार व्यपार वर्ग को यहंा आकर धरना देने को मजबूर होना पड़ेगा। सरकार छोटे व्यापारियों के वोट से बनती और वहीं इसी वर्ग को सर्वाधिक परेशान करती है।
गोयल ने मांग की कि सौ रूपयें का बनाया जाने वाला लाईसेंस आजीवन बनाया जाए, जीएसटी लागू करें लेकिन उससे उन सभी छोटे व्यपारियों को मुक्त रखें जिनका सीधे उपभोक्ता से जुड़ाव हो, पेट्रोल, डीजल, शराब, तम्बाकू को भी अन्य उत्पादों के साथ जीएसटी के दायरे में लाया जाएं, जीएसटी पर सरचार्ज न लगाया जाएं, जीएसटी 15 प्रतिशत से अधिक न हों।
मुख्य अतिथि महापौर चन्द्रसिंह कोठारी ने कहा कि सरकार एवं अधिकारियों की शासन एवं कार्यप्रणाली में कहीं न कहीं खामी अवश्य दिखाई देती है। अधिकारियों की आदतों को शीघ्र बदलना संभव नहीं है। शहर में पिछले कई वर्षो से चली आ रही दोहरी लाईसैंस प्रणाली निगम की आय का भाग है। इस आय से शहर का विकास किया जाता है। व्यापारियों की समस्याओं को अधिकारियों के आमनें-सामनें बिठाकर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स उदयपुर डिविजन के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने कहा कि जब से राजस्थान में वसुन्धरा राजे सरकार बनी है तब से गत 2 वर्षो में व्यापारी वर्ग सर्वाधिक परेशान हुआ है। निगम में होटलों एंव रेस्टोरेंट के लिए एक साथ 10 वर्ष की लाईसैंस की फीस जमा कराने में छूट देकर उसे 1 वर्ष ही कर दिया है। शहर में 4 हजार खुदरा व्यापार है लेकिन लाईसैंस मात्र 700 या 800 के ही बनते है शेष के लिए निरीक्षक या अधिकारी चैक करने के बजाय वसूली करते है।
संघ के महामंत्री सूर्यप्रकाश खमेसरा ने कहा कि कृषि मण्डी में दुकान आवंटन हेतु लॉटरी के लिए 10 वर्ष पूर्व 10 हजार रूपयें लिये थे लेकिन वे अब वापस 10 हजार रूपयें बिना कारण बतायें लौटाये जा रहे है।
फेडरेशन के सचिव एवं संघ के कोषाध्यक्ष जितेन्द्र गुप्ता ने बताया कि अचानक मण्डियों में दाल-दलहनों के भावों में होने वाली वृद्धि पर सरकार एक निगरानी कमेटी का गठन करें। जिससे बढ़ती मंहगाई पर काबू पाया जा सकें। कार्यक्रम संयोजक लोकेश पारख ने बताया कि दोहरी लाईसैंस प्रणाली समाप्त की जानी चाहिये।
इससे पूर्व प्रारम्भ में संध के अध्यक्ष तुलसीराम अग्रवाल ने बताया कि राजनीति में हमारा गठन नहीं है लेकिन राजनीति को उथल-पुथल करने का व्यापारी वर्ग माद्दा रखता है। जीएसटी पर कारोबारियों को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन छेाटे-छोटे कारोबारियों को इससे मुक्त रखा जाना चाहिये। लाईसैंस फीस पुन:250 से 50 रूपयें की जानी चाहिये। इस अवसर पर संघ द्वारा प्रकाशित बहुरंगीय कलेण्डर का अतिथियों द्वारा विमोचन किया गया। समापन समारोह में विशिष्ठ अतिथि सुशील अग्रवाल, राष्ट्रीय महामंत्री कृष्णकुमार सिंघल, प्रदेश अध्यक्ष रामविलास जैन, महामंत्री श्यामसुन्दर मागोडिय़ा आदि ने भी संबोधित किया।