आयुर्वेद शिविर के प्रति रुझान बढ़ा, आयुर्वेद उप निदेशक डॉ. शर्मा ने किया आकस्मिक निरीक्षण
उदयपुर। नगर निगम एवं आयुर्वेद विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यहां शिवाजी नगर स्थित मीरा सामुदायिक भवन में चल रहे दस दिवसीय निःशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर विभिन्न रोगों से प्रभावितों के लिए राहत का शिविर साबित हो रहा है। इसमें न केवल उदयपुर बल्कि प्रदेश के दूसरे इलाकों से भी मरीज आ रहे हैं।
शिविर का बुधवार को आयुर्वेद विभागीय उप निदेशक डॉ. ओमप्रकाश शर्मा ने अवलोकन किया और भर्ती मरीजों से चर्चा कर उनकी कुशलक्षेम पूछी तथा ईलाज, व्यवस्थाओं आदि के बारे में जानकारी ली और संतोष व्यक्त किया। डॉ. शर्मा ने शिविर को बेहद उपलब्धिमूलक बताया और कहा कि इसी प्रकार के शिविर जिले के दूरदराज के क्षेत्रों में भी लगाए जाने चाहिएं ताकि ग्रामीण अंचलों के मरीजों को उनके अपने क्षेत्र में विशेषज्ञों तथा ऑपरेशन आदि की सुविधा प्राप्त हो सके।
शिविर प्रभारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने बताया कि शिविर के चौथे दिन बुधवार को 900 से अधिक मरीजों की जांच की गई और उपचार परामर्श के साथ ही निःशुल्क औषधियां प्रदान की गई। शिविर में महिला रोग विशेषज्ञों डॉ. नीतू जैन, डॉ. भावना सनाढ्य, डॉ. मिथलेश महावर, डॉ. रूही जहीर, डॉ. सुभाष अग्रवाल व डॉ. बुद्धिप्रकाश द्वारा रोगी महिलाओं को उपचार परामर्श दिया जा रहा है। इनके साथ ही डॉ. बाबूलाल जैन, डॉ. नंदराम त्रिवेदी व डॉ. राजीव भट्ट द्वारा जोइन्ट्स पेन, साईटिका, स्पोन्डीलाईटिस, कमर दर्द आदि का ईलाज किया जा रहा है तथा पंचकर्म की सलाह भी दी जा रही है। खासकर मस्सा एवं भगंदर के विशेष प्रभाग में अब तक 83 मरीजों का पंजीयन हो चुका है। इनमें से 38 मरीजों का क्षारसूत्र विधि से ऑपरेशन किया जा चुका है व पुरुष तथा महिला वार्ड में भर्ती ये मरीज स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। शिविर में मोटापे, डायबिटीज, थायराइड़, खर्राटे आदि से बचाव के लिए कटि सौन्दर्यासन, उज्जयी प्राणायाम, हलासन, मयूरासन, शशकासन, कूर्मासन, मण्डूकासन आदि आसनों के साथ ही योग निद्रा एवं उद्गीथ प्रणव, कपालभाति, अनुलोम विलोम आदि का नित्य सायंकाल और प्रभातकालीन अभ्यास कराने का दौर जारी है। ये योगाभ्यास योग विशेषज्ञ संजय दीक्षित, अशोक जैन, रोहित कुमावत एवं प्रेम जैन के निर्देशन में कराए जा रहे हैं। शिविर में मौसमी एवं संक्रामक बीमारियों से बचाव के लिए आयुर्वेदिक वात श्लेष्मिकहर क्वाथ का वितरण किया जा रहा है। अब तक एक हजार से अधिक लोग इस काढ़े का सेवन कर स्वास्थ्य लाभ पा चुके हैं।