विद्यापीठ में विवेकानन्द की युवा सोच पर व्याख्यान, आशुभाषण एवं निबंध
स्थापना दिवस पर मंगलवार को आएंगे मंत्री सांवरलाल जाट
उदयपुर। स्वामी विवेकानन्द का नाम मन में आते ही एक ऐसी उर्जा का संचार होता है जो अक्षय होती है जिसका कभी नाश नहीं होता है। उनके शब्द आज भी युवाओं के दिलों में प्रेरणा लिए हुए है जिनमें सत्य के साथ साक्षात्कार करने की अनन्त उर्जा समाहित है।
ये विचार जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ के संघटक जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय की ओर से विवेकानन्द की 153वीं जयंति की पूर्व संध्या पर ‘‘स्वामी विवेकानन्द की युवा सोच’’ विषयक पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने व्ययक्त1 किए। अध्यक्षता करते हुए निदेशक डॉ. मंजू ने कहा कि विवेकानन्द एक स्वप्नदृष्टा थे और उन्होंने युवाओं से भी आव्हान किया कि वे सपने देखे तथा उन्हे पूरा करें। उन्होंने एक नये समाज की कल्पना की थी ऐसा समाज जिसमें धर्म या जाति के आधार पर मनुष्य मनुष्य में कोई भेद नहीं हो। इस अवसर पर डॉ. अवनिश नागर, डॉ. धमेन्द्र राजोरा, ओम पारीख ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन चितरंनजन नागदा ने किया जबकि धन्यवाद बाल कृष्ण शुक्ला ने दिया।
आयोजन : विवेकानन्द की जयंति की पूर्व संध्या पर लोकमान्य तिलक, श्रमजीवी महाविद्यालय, साहित्य संस्थान, होम्योपेथी, फिजियोथेरेपी, उदयपुर स्कुल ऑफ सोशल वर्क, प्रबंध अध्ययन संस्थान एवं आईटी विभाग में छात्र-छात्राओं ने निबंध, आशुभाषण, वाद विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता के माध्यम से विवेकानन्द के दर्शन को दर्शाया एवं अपने उदगार व्यक्त किए।
स्थािपना दिवस पर आज आएंगे केन्द्रीय मंत्री
जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय का 29 वां स्थापना दिवस समारोह मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मनाया जायेगा। कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने बताया कि समारोह प्रातः 10.30 बजे विश्वविद्यालय के आईटी सभागार में आयोजित किया जायेगा। समारोह के मुख्य अतिथि केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री सांवरमल जाट होंगे। अध्यक्षता कुलाधिपति एच.सी. पारख करेंगे जबकि अति विशिष्ट अतिथि साहित्यकार सुरेश ऋतुपर्ण होंगे। रजिस्ट्रार प्रो. सी.पी. अग्रवाल ने बताया कि 12 जनवरी, 1987 को विद्यापीठ को विश्वविद्यालय का दर्जा मिला था। इस दिवस को कार्यकर्ता सम्मान दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। उन्होने बताया कि तीन दिवसीय समारोह के दौरान स्वामी विवेकानन्द की जीवनी एवं विश्व दर्शन पर हुई विभिन्न प्रतियोगिताए आयोजित की गई जिसमें निबंध, आशुभाषण, वाद विवाद, पोस्टर प्रतियोगिता में विजयी प्रतिभागियों को अतिथियों द्वारा सम्मानित भी किया जायेगा।