उदयपुर। स्वतंत्रता सेनानी एवं राजस्थान विद्यापीठ की कुल मातुश्री विजया मां की जयंती एवं पुण्य तिथि पर बुधवार को बेदला स्थित विजय मॉ मंगल भारती केन्द्र पर विजया मॉ की तस्वीर पर पुष्पांजलि कर उन्हें याद किया गया।
मुख्य अतिथि प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि विद्यापीठ के संस्थापक मनीषी पं. जनार्दनराय नागर की माता स्वतंत्रता सेनानी विजया मां ने ही अपने पु़त्र को शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय कार्य करने की प्रेरणा दी थी जिसके ही परिणामस्वरूप आज जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय एक वटवृक्ष के रूप में है। उन्होने कहा कि विजया मॉ सामाजिक कुरूतियों के सख्त खिलाफ थी। विजया मां ने महिला सशसक्तिकरण की पहल कर महिला उत्थान एवं समाज में व्याप्त कुरूतियों के खिलाफ एक जनआंदोलन को जन्म दिया एवं मेवाड़ अंचल में नारी उत्थान का मार्ग प्रशस्त किया। अध्यक्षता करते हुए निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने कहा कि विजया मॉ की जयंती आज भी उन महिलाओं को समर्पित है जो महिला रोजगार शसक्तिकरण एवं महिला उत्थान में अपना योगदान दिया। उन्होंने कहा कि विजया मॉ ने आदिवासी अंचल में महिलाओं को संगठित एवं शिक्षा उत्थान हेतु समाज में नई जागृति का संचार किया। संचालन केन्द्र प्रभारी डॉ. धमेन्द्र राजौरा ने किया तथा धन्यवाद ओम पारीख ने दिया। इस अवसर डॉ. दिलीप सिंह चौहान, डॉ. घनश्याम सिंह भीण्डर, मरजीना बानु ने भी अपनी पुष्पांजलि अर्पित करते हुए विजया मॉ को याद किया। पुष्पांजलि में विद्यापीठ के कार्यकर्ता एवं बेदला गांव के ग्रामीणजन एवं महिलाएं उपस्थित थे। केन्द्र प्रभारी डॉ. धमेन्द्र राजौरा ने बताया कि पुष्पांजलि के पश्चात अतिथियों द्वारा निराश्रित बच्चों को फल एवं मिठाई वितरित की गई।