माहेश्वरी भवन में सत्संग महोत्सव का दूसरा दिन
उदयपुर। अन्तरराष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के पीठाधीश जगद्गुरु रामदयाल महाराज ने कहा कि बाह्य अंधेरा तो सूर्य उदय होते ही दूर हो जाता है और उजास फैल जाता है लेकिन भीतर का अंधेरा हजार सूर्य उदित हो जाएं तो भी दूर नहीं हो सकता। अज्ञान रुपी इस अंधेरे को केवल ज्ञान के उजास से दूर किया जा सकता है, जो सत्संग के जरिये से प्राप्त होता है।
आचार्य रामदयाल यहां श्रीनाथजी मन्दिर के पास माहेश्वरी भवन में अपने 22 वें पट्टाभिषेक (पाटोत्सव) के उपलक्ष्य में आयोजित पांच दिवसीय सत्संग के तहत सोमवार को धर्मसभा को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा, आज की नारी फैशन और आज का पुरुष व्यसन में बर्बाद हो रहा है। इस फैशन-व्यसन के कारण समाज और राष्ट्र के यौवन को लकवा लग रहा है। हमें समझना होगा कि बाह्य रुप नष्टकारी है। असल रुप आत्मा का है। हम फैशन-व्यसनवाद नहीं बल्कि आत्मवाद, अध्यात्मवाद की ओर बढ़ें। हम अंधकार से प्रकाश की ओर, देहवाद से आत्मवाद की ओर बढ़ें। भक्ति की ओर अग्रसर हों। भक्ति के ही बल पर मीरा परमतत्व में विलीन हुईं। माता, पत्नी, बेटी और बहन को उन्होंने जीवन की सबसे बड़ी सम्पत्ति बताया और कहा कि धन पात्र के पास हो तो ही उसका सदुपयोग होता है। अपात्र के पास आया धन विनाश का कारण बनता है।
संस्कारों की घट्टी : आचार्य ने कहा कि पहले घर की महिलाएं घट्टी पीसा करती थीं। पीसते हुए भजन गाती थीं। इससे सुबह-सुबह घर-परिवार में भक्तिमय वातावरण रहता था। शारीरिक व्यायाम भी हो जाता था और खाने को शुद्ध आटा आदि मिलते थे। उन्होंने ’बैठा मिले खाने को, कौन जाए कमाने को’ मुहावरे का जिक्र करते हुए महिलाओं को परम्पराओं से जुड़ने, प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा, तन को उजला रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। तन बिगड़े तो बिगड़े, मन नहीं बिगड़ना चाहिए। मन बिगड़ा तो सम्पूर्ण जीवन बिगड़ जाता है।
तेरी बिगड़ी बनेगी : प्रवचन से पूर्व चित्तौड़गढ़ के सन्त दिग्विजयराम रामस्नेही ने ’सन्तन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी, अच्छी बनेगी तेरी बिगड़ी बनेगी’, ’बिनु सत्संग विवेक न होई’ आदि भजन सुनाए। साथ ही श्रीमद्नारायण-भज मन नारायण के साथ संगीतमय संकीर्तन कराया। इसमें मंुगाणा के सीताराम वैष्णव ने ऑर्गन पर संगत दी। रामजस सोमानी, रामपाल सोमानी, रामचन्द्र, रमेशचन्द्र सोमानी आदि ने आरती की। इस मौके पर चांदपोल स्थित श्रीबड़ा रामद्वारा के महन्त नरपतराम रामस्नेही, इन्दौर के सन्त रामस्वरुप, चित्तौड़गढ़ के सन्त रमताराम, गंगनार के सन्त रमैयाराम, जहाजपुर के सन्त ललितराम व ईश्वरराम, कोटा के सन्त रामआसरे, उदयपुर के सन्त चेतनराम भी उपस्थित थे।
आज का कार्यक्रम : चांदपोल स्थित श्रीबड़ा रामद्वारा के महन्त नरपतराम रामस्नेही ने बताया कि मंगलवार सुबह 9 से 11 बजे तक ’राम नाम स्मरण : कारण, विधि और लाभ’ विषय पर प्रवचन होंगे। शाम को आरती, भजन-कीर्तन एवं राम नाम का जाप किया जाएगा। रामपाल सोनी ने बताया कि बुधवार को पट्टाभिषेक का कार्यक्रम होगा।