उदयपुर। किसी व्यक्ति का संस्था से जुड़ना लगन, मेहनत एवं समर्पण भाव से कार्य करने से व्यक्ति तथा संस्था दोनों की तरक्की होती है। समाज में सेवा करने की भावना संस्था में रहकर की जा सकती है। जनुभाई के जनशिक्षण, सतत् शिक्षक का कार्य जो आदिवासी पिछडे गरीबों के लिए है उसे सतत रूप से आगे चलाने का कार्य कार्यकर्ताओं का है।
उक्त विचार शुक्रवार को जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने परीक्षा विभाग की कार्यकर्ता ज्ञानवति राठौड़ के अभिनन्दन समारोह में व्यक्त किए। अध्यक्षता कुल प्रमुख भंवर लाल गुर्जर ने की। विशिष्ठ अतिथि आईटी के निदेशक डॉ. मनीष श्रीमाली व परीक्षा नियंत्रक प्रो. पीसी दोशी ने भी विचार व्यक्त किए। संचालन लक्ष्मण सिंह चुण्डावत ने किया। समारोह में अतिथियों द्वारा ज्ञानवति राठौड़ को उपरणा, श्रीफल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।
एनसीसी केडेट को प्रथम पुरस्कार : जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ की ओर से गणतंत्र दिवस पर आयोजित परेड़ में एनसीसी केडेट को प्रथम स्थान मिला है। एनसीसी प्रभारी डॉ. युवराज सिंह राठौड़ ने बताया कि परेड में विभिन्न महाविद्यालयों के केडेटों ने भाग लिया जिसमें श्रमजीवी कॉलेज एनसीसी को प्रथम स्थान मिला है। उन्होने बताया कि इन केडेट्स को रजिस्टार प्रो सीपी अग्रवाल प्रो प्रदीप पंजाबी ने पुरस्कृत किया