संगीतमय योग शिविर
उदयपुर। आयुर्वेद विभाग, नगर निगम, पतंजलि योग समिती उदयपुर के साझे में 5 फरवरी शुक्रवार से 15 दिवसीय संगीतमय योगसाधना व योगचिकित्सा शिविर सिन्धी बाजार आयुर्वेद औषधालय में शुरू हुआ।
पतंजलि योग पीठ के पूर्णकालिक योग प्रशिक्षक अशोक जैन, प्रेम जैन, गोपाल डांगी ने बताया कि हमारे शरीर को हम बाहर से अच्छी तरह से तरह तरह के साबुन शेम्पू तेल ईत्र, क्रीम, पाउडर लगाकर साफ-सुथरा व सुन्दर रखते हैं, परन्तु शरीर के भीतर हम ध्यान नहीं देते हैं जिससे शरीर के अंदर कई प्रकार की शारीरिक व मानसिक व्याधियां उत्पन हो जाती हैं। अपने शरीर को भीतर से स्वस्थ रखने के लिए पहले दिन प्राणायाम का अभ्यास करवाया जैसे फेफड़ों को स्वस्थ रखने के लिए भस्त्रिका, पेट सम्बन्धित व्याधियों के लिए कपालभांति, बाह्य प्राणायाम, अग्निशार किृया, गले सम्बन्धित व्याधियों के लिए उज्जाई प्राणायाम, अपने शरीर में एक एक सेल्स को एक्टिवेट व नस नाडि़यों तक पूर्ण रुप से ऑक्सीजन भेजने के लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम व मेडिटेशन के लिए भ्रामरी, उदगित, प्रणव का अभ्यास मधुर मधुर संगीत के साथ -मन का आगन नहीं बुहारा, कुछ कर न सके फिर मत कहना, नाम है तेरा तारन हारा, प्रभु प्यार का इक तराना आदि अलग भजनों की मधुर मधुर ध्वनि के साथ अपने पूरे ध्यान को प्राणायाम की ओर केन्द्रित कराया।
चिकित्सा अधिकारी डॉ. शोभालाल औदीच्य ने नियमित दिनचर्या व ॠतुचर्या की जानकारी देते हुए कहा कि पहला योग वहां से प्रारंभ होता है, जब आप ब्रह्म मुहूर्त में 4 से 6 बजे के बीच में उठ जाते हैं। इन्सान ज्यादा लेट तक सोया रहता है जिससे भी कई मानसिक व शारीरिक रोग घेर लेते हैं, इसलिए हर इन्सान को सुबह जल्दी उठ जाना चाहिए। जिससे कई रोगों से बच सकता है। अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए एक घण्टे निरन्तर योग प्राणायाम, ध्यान आसन व्यायाम का अभ्यास करना चाहिए। औदिच्य ने कहा कि पन्द्रह दिन के शिविर में हर दिन अलग अलग बीमारीयों के लिए आसान, व प्राणायाम का अभ्यास करवाया जाएगा। कल 6 फरवरी को कमर दर्द जैसी व्याधियों के लिए आसनों का अभ्यास कराया जाएगा व इन व्याधियों से कैसे बचें, इनकी पूरी जानकारी दी जाएगी।