उदयपुर। अलख नयन मन्दिर द्वारा विज्ञान समिति में महात्मा भूरि बाई की स्मृति में अलख ज्योति ज्ञानोत्सव का आयोजन किया गया।
संस्थान की कार्यकारी ट्रस्टी डॉ. लक्ष्मी झाला ने बताया कि सत्संग कार्यकम में पाली से आये श्री गुरू दातार सम्संग मण्डली ने मधुर वाणी में प्रसतुत किये गये भजनों से सभी को आध्यात्म व भक्ति के रंग में सरोबार कर दिया। मण्डली के ओमजी ने सत्संग की शुरूआत करते हुए सर्वप्रथम गुरू वन्दना एवं गणेश वन्दना प्रस्तुत की तथा अनेक भजन जैसे आनन्द ही आनन्द बरस रयो, बलिहारी ऐसे सतगुरू की, आज रो दिवस सजनी रंग रली है, रंगरली है मारे प्रेम रली है, आज सखी सद्गुरू घर आए, मेरे मन आनन्द भयो री, गुरू बिन कोन सहाय जगत में, मैं अरज करू गुरू थाने, चरणों में राखजो माने, जा दिन संत मिले सोई दिन है, आदि की दी गई शानदार प्रस्तुति से उपस्थित भक्तों श्रद्धा के आनन्द में नृत्य करने के लिये विवश कर दिया।
इसके अलावा उन्होंने कबीरदास, मीरा बाई आदि के भी अनेक भजन गाए। कार्यक्रम में बालक, युवा एवं वृद्ध सभी झूमने के लिए मजबूर हो गये। सत्संग मण्डली में खमनोर से महाराज ग्यानानन्द एवं महाराज रघुवीरदास थे। कार्यक्रम में अलख आश्रम नाथद्वारा के सदस्य, अलख नयन मन्दिर के सदस्य तथा शहर के गणमान्य नागरिकों सहित करीब 500 व्यक्तियों ने भाग लिया। कार्यक्रम का समापन आरती के साथ हुआ।
Can anybody share bhuribai’s messages on “चुप” ? I have heard that her messages are written on the wall of her ashram. Please share if anybody knows. Thank you.