उदयपुर। ग्रामीण महिलाओं को रोजमर्रा के जीवन में अत्यधिक श्रम एवं अस्वस्थकारी परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है। गाँवों में ही निर्मित हो सकने वाले कतिपय तकनीकी साधनों व उपकरणों द्वारा उनके जीवन को आसान बनाया जा सकता है।
बुधवार को उदयपुर के 26 गांवों की 35 आंगनवाड़ी सहायिकाओं ने तकनीकों को गांवों में पहुँचाने के लिए ऐसी तकनीकों के सम्बंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विद्या भवन पॉलिटेक्निक में संचालित कम्युनिटी डवलपमेन्ट थ्रू पॉलिटेक्निक स्कीम के प्रभारी सुधीर कुमावत, आँगनवाड़ी ट्रेनिंग सेन्टर की प्राचार्या हरिबाला शर्मा, उमाशंकर जोशी, मधु बोर्दिया ने महिलाओं को गैसी फायर, उन्नत चूल्हा, मूंगफली छीलक यंत्र, बाल बियरिंग (छर्रे) युक्त हाथ चक्की, बाटी कुकर] उन्नत सिगड़ी, सोलर उपकरण आदि तकनीकों से अवगत कराया। शिविर के दौरान महिलाओं को कम लागत में कपड़े धोने व बर्तन साफ करने का पाउडर, तरल साबुन बनाने का भी स्वरोजगार प्रशिक्षण प्रदान किया गया। साथ ही स्कीम द्वारा आयोजित विभिन्न निःशुल्क स्किल डवलपमेन्ट प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।