सीटीएई में टेक फेस्ट -2016 का समापन
उदयपुर। प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय में पांच दिन से चल रहे सांस्कृतिक समारोह टेक फेस्ट-2016 का समापन एकल व युगल गायन, समूह गायन, एकल व युगल नृत्य, समूह नृत्य एवं फैशन शो के साथ सुखाड़िया विश्वविद्यालय के सभागार में सम्पन्न हुआ।
मुख्य अतिथि महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. उमाशंकर शर्मा ने कहा कि महाविद्यालय में एक विद्यार्थी अनेक प्रकार के अनुभवों से गुजरता है। टेकफेस्ट में होने वाली विभिन्न प्रकार की गतिविधियों की आवश्यकता एवं उपादेयता पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि इसमें अभियांत्रिकी छात्रों का एक अलग ही रूप सामने आता है जिसमें वे अपनी ऊर्जा को सकारात्मक रूप में व्यक्त कर सकते हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से वे समूह में कार्य करने एवं नेतृत्व करने के साथ साथ आत्मविश्वास से भी परिपूर्ण हो जाते हैं। सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से न केवल वे अपनी संस्कृति से परिचित होते हैं अपितु कक्षाओं से बाहर आकर अपनी दक्षता को प्रदर्शित कर सकते हैं।
अधिष्ठाता डॉ. बीपी नंदवाना की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में विश्वविद्यालय में सर्वाधिक छात्रों का महाविद्यालय होने के साथ ही हर क्षैत्र में उन्नति करके सम्पूर्ण उत्तरी भारत में सर्वोत्तम अभियांत्रिकी महाविद्यालय का खिताब हासिल किया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में इस वर्ष प्रवेश लेने वाली छात्राओं की संख्या में काफी वृद्धि हुई।
अध्यक्षता करते हुए प्रौद्योगिकी एवं अभियांत्रिकी महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. बीपी नन्दवाना ने तकनीकी एवं अभियांत्रिकी छात्रों की सह-शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की। डॉ. नन्दवाना ने सम्पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण में इस प्रकार की गतिविधियों की महत्ता बताते हुए छात्रों से अधिकाधिक संख्या में भाग लेने का आव्हान किया एवं अपनी शिक्षा को देश की आम जनता के हित में लगाने की प्रेरणा दी।
नृत्य नाटिकाओं ने लुभाया : पारम्परिक एवं पश्चिमी वेशभूषा से सजे छात्र-छात्राओं ने एकल नृत्य में आ जा नच ले, तुम्हीं हो तुम्हीं, जिन्दगी तू धीरे धीरे, सनम रे सनम रे, मेरे सपनो की रानी, बिल्लो रानी आदि तथा युगल नृत्य मे कजरारे कजरारे, नगाड़े सगं ढोल बाजे, मां तुझे सलाम एवमं समूह नृत्य में विभिन्न लोकनृत्य, पारम्परिक नृत्य एवं फिल्मी नृत्यों का प्रदर्शन कर प्रतिभागियों ने दर्शक दीर्घा में बैठे दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। नृत्य नाटिकाओं द्वारा जीवन की आशा-निराशा, उतार-चढ़ाव को प्रदर्शित करते हुए उम्मीद का दामन ना छोड़ने का संदेश दिया और छात्र समुदाय को झूमने पर विवश कर दिया। विभिन्न प्रतिभागियों को छात्र समुदाय की तालियों और हुटिंग से सराहना मिली। कार्यक्रम में डॉ. मुर्तजा अली सलोदा, सहायक अधिष्ठाता (छात्र कल्याण) एवं सीएलएसयू के सलाहकार डॉ. त्रिलोक गुप्ता ने जानकारी दी कि बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं के एकल गायन, समूह गायन, एकल नृत्य, समूह नृत्य आदि में भाग लेने के कारण पूर्व में ही स्क्रीन टेस्ट लेकर मेधावी छात्रों का चयन विभिन्न टीमों में किया गया।