प्रति घंटा लगभग पंद्रह हजार लीटर गंदा पानी
उदयपुर। रंगसागर पिछोला किनारे की वर्ष 2005 में डाली गई सीवर लाइन में लीकेज से प्रति घंटा लगभग पंद्रह हजार लीटर गंदा पानी एवं मल मूत्र झील में समा रहा है। यह मानव स्वास्थ्य तथा झील पर्यावरण तंत्र के लिए गम्भीर खतरा है।
इसे ठीक कराने एवं झील किनारे मौजूदा निर्माणाधीन सीवर लाइन के सही एवं मजबूत निर्माण के लिए झील प्रेमियों, विशेषज्ञों, तथा निगम के अभियंताओं ने क्षेत्र निरीक्षण किया तथा बैठक की। बैठक का आयोजन झील मित्र संस्थान एझील संरक्षण समिति तथा डॉ. मोहनसिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट ने किया।
इस कवायद में निगम के एसई अरुण व्यास, अभियंता सत्यनारायण शर्मा, आवेश, झील प्रेमी तेजशंकर पालीवाल, नंद किशोर शर्मा, विद्या भवन पॉलीटेक्निक के प्राचार्य डॉ. अनिल मेहता, एनएलसीपी टीम लीडर बीएल कोठारी तथा कार्य ठेकेदार ने भाग लिया।
निगम निर्माण समिति के अध्यक्ष पारस सिंघवी ने बताया कि झील क्षेत्र की निर्माणाधीन सीवर लाइनों को मिटटी से ढंकने के पूर्व पुख्ता एवं वैज्ञानिक तरीके से लीकेज टेस्टिंग की जाएगी। सिंघवी ने कहा कि रंगसागर किनारे की लीक कर रही पुरानी सीवर लाइन को ठीक करवाने के लिए निगम कृतसंकल्प है।
श्रमदान : झील मित्र संस्थान, झील संरक्षण समिति व डॉ मोहन सिंह मेहता मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आयोजित पिछोला अमरकुंड क्षेत्र पर श्रमदान कर घरेलू कचरा, पॉलीथिन, प्लास्टिक, घास एवं शराब की बोतलें निकाली। घाट पर बदबू से युक्त मानव एवं पशु मल को साफ़ किया।