उदयपुर में आज एक दिवसीय स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव
उदयपुर। नगरीय विकास एवं आवासन मंत्री तथा स्वायत्त शासन मंत्री राजपाल सिंह शेखावत ने आज कहा कि स्मार्ट सिटी में समावेशी विकास, गुणवत्तापूर्ण जीवन, हैप्पीनेस इंडेक्स, सुविधामय जीवन और हरियाली शामिल है। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कुछ शहर पूर्व में स्मार्ट माने जाते हो लेकिन वर्ष 2016 में स्मार्ट सिटीज् को मूल आधारभूत संरचनाओं, स्वच्छ एवं सतत् वातावरण के योजनाबद्ध क्रियान्वयन के संदर्भ में माना जायेगा।
वे आज उदयपुर के सिटी पैलेस में आयोजित एक दिवसीय स्मार्ट सिटी कॉन्क्लेव के अवसर पर बोल रहे थे। यह कॉन्क्लेव फैडरेशन ऑफ इंडियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) द्वारा राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन विभाग, उदयपुर नगर निगम एवं उदयपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सहयोग से आयोजित की गई। स्मार्ट सिटी कार्यक्रम में आने वाली चुनौतियों एवं अवसरों पर चर्चा करने, प्रचलित बेस्ट प्रेक्टिसेज को साझा करने, तकनीकी एवं प्रबंधकीय समाधान और नीतिगत सुझाव प्राप्त करने के उद्देश्य् से इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया।
शेखावत ने कहा कि हेरिटेज, भौगोलिक स्थिति एवं पर्यावरण के संदर्भ में प्रत्येक शहर की अपनी ताकत होती है। राजस्थान में स्मार्ट सिटीज तैयार किए जाते समय स्मार्ट सिटी मिशन द्वारा इन तथ्यों को ध्यान में रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी बनाने का कोई यूनिवर्सल फॉर्मूला नहीं है। हालांकि, गवर्नेंस को नागरिकों के अनुकूल एवं किफायती बनाना इसके प्रमुख उद्देश्यों में से एक होगा। इसमें सभी के लिए आवास भी शामिल किया जायेगा। गृह मंत्री गुलाब चंद कटारिया ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत संचालित किए जा रहे स्थानीय एवं सरकारी निकायों को बधाई दी।
भारत में डेनमार्क के राजदूत पीटर टकसोइ-जेन्सेन ने कहा कि उदयपुर में स्मार्ट सिटी के विकास में इसकी वित्तीय योजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि हालांकि शहर के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंकों एवं अन्य स्त्रोतों से फंडिंग प्राप्त की जाएगी लेकिन विभिन्न व्यवसाय एवं वाइबल प्रोजेक्ट्स के माध्यम से स्वयं फंड अर्जित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उदयपुर के महापौर चंद्रसिंह कोठारी ने स्मार्ट सिटी प्रोग्राम के तहत उदयपुर का चयन किए जाने की सराहना की।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव डॉ. मंजीत सिंह कहा कि राजस्थान सरकार स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के लिए पूरी तरह से तैयार है। इसके लिये स्पेशल पर्पज व्हीकल (एसपीवी) पहले से ही बनाये जा चुके हैं। प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट्स (पीएमसी) इस माह के अंत तक नियुक्त कर दिए जाएंगे और 15 जून से कार्य आरम्भ हो जायेगा। राज्य सरकार ने उदयपुर एवं कोटा स्मार्ट सिटीज के लिए फिक्की के साथ तथा जयपुर एवं अजमेर स्मार्ट सिटीज के लिए सीआईआई के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं।
नेषनल इंस्टीट्यूट ऑफ अर्बन अफेयर्स के डायरेक्टर प्रोफेसर जगन शाह ने अपने थीम एड्रेस मे कहा कि स्मार्ट सिटीज मिशन के उद्देश्यों में यह स्पष्ट है कि विरासत एवं आर्थिक गतिविधियां शहर की पहचान होती है, इसे बनाये रखते हुए इसके कोर इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत बनाया जाये और यहां पर जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया जाये।
उद्घाटन सत्र के दौरान इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन ( प्प्क्ब्) द्वारा तैयार किया गया उदयपुर स्मार्ट सिटी के थीम पेपर का विमोचन किया गया।
अरविंद सिंह मेवाड़ ने उद्घाटन भाषण में कहा कि स्मार्ट सिटीज् के विकास के साथ-साथ प्राकृतिक सम्पदा को बचाना और बनाये रखना आवष्यक है। उन्होंने सार्वजनिक स्थानों की साफ-सफाई, जीपीएस सेवाओं, सीसीटीवी आदि से संबंधित सुझाव भी दिये।
इंडस टावर्स लिमिटेड के चीफ सेल्स एंड मार्केटिंग ऑफिसर समीर सिन्हा ने समापन भाषण दिया जबकि फिक्की राजस्थान स्टेट काउंसिल के प्रमुख अतुल शर्मा ने प्रतिनिधियों का स्वागत किया और कार्यक्रम का संचालन किया।
उद्घाटन सत्र के बाद दिन में दो प्लेनरी सत्र आयोजित किये गये। पहला सत्र ग्रीनर एंड हेल्दीयर सिटीज पर केंद्रित था। इस सत्र में स्वच्छ भारत मिषन में उल्लेखित ‘सेनिटेशन फॉर आल बॉय 2019 और ‘इंटीग्रेटेड सॉलिड वेस्ट एंड वाटर मैनेजमेंट पर चर्चा की गयी। दूसरा सत्र स्मार्ट एंड वाइब्रेंट सिटीज पर केंद्रित था। इसमें इनोवेशंस एंड टेक्नोलॉजीज फॉर एप्लीकेशंस इन स्मार्ट सिटीज पर चर्चा की गयी।