सभी विश्वेविद्यालयों के कुलपति देंगे तीन- तीन सुझाव
उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वतविद्यालय की ओर से 2 जून से चलाए जाने वाले स्मार्ट सिटी के नागरिकों में स्मार्ट टेफिक सेंस अभियान की कार्य योजना बुधवार को तैयार कर ली गई।
कुलपति प्रो. शिवसिंह सारंगदेवोत ने बताया कि स्मार्ट ट्रेफिक सेंस पर विश्वविद्यालय के 10 शिक्षकों के निर्देशन में 100 यूजी संकाय में अध्ययनरत विद्यार्थी एक साल तक कार्य करेंगे। विश्वकविद्यालय स्मार्ट सिटी में टेफिक सेंस विकसित करने के लिए कुल 15 बिंदुओं पर कार्य करेगा। शहर में गुड ट्रेफिक सेंस किस पर विकसित किया जाए, इसके लिए महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी, सुखाड़िया और राजीव गांधी जनजाति विश्वेविद्यालयों सहित सभी विष्वविद्यालयों के कुलपतियों से तीन- तीन सुझाव लिए जाएंगे। सोमवार को सुझाव संबंध पत्र कुलपतियों को भेज दिए जाएंगें।
वार्डों में बांटे जाएंगे पेम्पलेट : अभियान में विष्वविद्यालय के 110 शिक्षक, विद्यार्थी और सहयोगी सामाजिक संस्थाओं के कार्यकर्ता कार्य करेंगे। विद्यार्थी प्रत्येक रविवार को एक बार्ड में जाएंगे और घर- घर पेम्पलेट देंगे। पेम्पलेट पर हेलमेट लगाने, सीट बेल्ट बांधने, नशा कर वाहन नहीं चलाने का संदेश लिखा होगा। विश्व विद्यालय के निर्देशन में दो रेलियों का आयोजन भी किया जाएगा। इनके माध्यम से स्कूलों के आठवीं तक के विद्यार्थी शहरवासियों से स्वेच्छा से टेफिक नियमों की पालना की अपील करेंगे।
यूजीसी को भेजेंगे नवाचार का पत्र : कुलपति सारंगदेवोत ने कहा कि टेफिक सेंस संबंधी अभियान सफल होने पर इस नवाचार का मॉडल तैयार किया जाएजा। इस मॉडल को यूजीसी को पास भेज कर दूसरे विश्वनविद्यालयों में लागू करने की सिफारिश की जाएगी, जिससे देश में बढ़ रहे दुर्घटनाओं के ग्राफ में कमी लाई जा सके।
यह है नवाचार अभियान : विश्व विद्यालय में नए स़त्र जुलाई से हेलमेट की अनिवार्यता रहेगी। बिना हेलमेट के वाहन चलाने वाले विद्यार्थियों के घर पत्र भेजे जाएंगे। सप्ताह में एक दिन विद्यार्थी बैंक, मॉल, रेलवे स्टेशन बस स्टैंड व पर्यटन स्लों पर जाकर लोगों से स्वेच्छा से टेफिक नियमों की पालना की अपील करेंगे।