महावीर युवा मंच संस्थान महिला प्रकोष्ठ के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर निखार का समापन
उदयपुर। जो हाथ घर के कामकाज में लगे रहते थे या किचन में खाना बनाने में काम आते हैं, जब वे ही हाथ मात्र 8 दिन के प्रशिक्षण के बाद डीजे पर बज रहे राजस्थानी गीतों पर नृत्य करते दिखे तो सभागार में मौजूद प्रतिभागी सहित हर दर्शक झूम उठा। आकर्षक व मोहक प्रस्तुतियों पर बार-बार तालियां बज उठी। मानों कोई शिविर नहीं किसी के घर में वैवाहिक आयोजन हो और रिश्तेदार प्रस्तुतियां दे रहे हों।
मौका था श्री महावीर युवा मंच संस्थान के ग्रीष्मकालीन प्रशिक्षण शिविर निखार के समापन का जो बुधवार को अशोक नगर स्थित विज्ञान समिति में हुआ। मुख्य अतिथि नगर निगम महापौर चंद्रसिंह कोठारी थे। विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर रजनी डांगी थी। अध्यक्षता समाजसेविका शशि भंडारी ने की।
महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने स्वागत उद्बोधन में कहा कि शिविर की विशेषता यह भी रही कि इसमें न सिर्फ जैन समाज बल्कि अन्य समाजों की लड़कियों ने भी भाग लिया।
सात वर्षीया बालिका इशिता जैन ने जब चौबीस तीर्थंकर के नाम सुनाए तो सभागार तालियों से गूंज उठा। ग्रुपों की हर प्रस्तुति में सभागार बार-बार तालियों से गूंज उठा। सर्वप्रथम ब्राह्मी ग्रुप की महिलाओं ने राजस्थानी एवं पंजाबी गीत पर आकर्षक नृत्य प्रस्तुत किया वहीं सुंदरी ग्रुप ने गरबा एवं डांडिया नृत्य प्रस्तुत किया। राजीमति ग्रुप ने लंदन ठुमकता.. की आकर्षक प्रस्तुति दी। उसके बाद द्रोपदी ग्रुप की प्रतिभागियों ने डांस बसंती पर अपनी आकर्षक प्रस्तुति दी। चंदनबाला ग्रुप ने गरबा-डांडिया की मिक्स प्रस्तुति दी वहीं कौशल्या ग्रुप ने सन्नी सन्नी पर तथा मृगावती ग्रुप ने अफगान जलेबी पर प्रस्तुति दी। सुभद्रा ग्रुप ने पार्टी डांस पर सभागार को झूमा दिया।
संस्थान के मुख्य संरक्षक राजकुमार फत्तावत ने कहा कि हालांकि इस बार गर्मी के प्रकोप के कारण शिविर 15 के बजाय आठ दिन का किया गया लेकिन अधिक रजिस्ट्रेशन शिविर की सार्थकता को साबित करता है। उन्होंने कहा कि महिलाएं घरों से निकलकर स्वाभिमानी बनें और देश का नाम रोशन करें, शिविर की इसी में सार्थकता है।
मुख्य अतिथि महापौर कोठारी ने कहा कि जो विकास संस्कृति के साथ नहीं जुड़ा वह किसी काम का नहीं है। कई महिलाओं ने रसोई से निकलकर पहली बार मंच पर अपनी प्रस्तुतियां दी हैं। ऐसे कार्यक्रमों से आत्म विश्वास बढ़ता है। अनजान लोगों से किस तरह बात की जाए, यह सीखने को मिलता है। इसमें सकल जैन समाज की महिलाओं का मिलना-जुलना समाज को संगठित करता है। विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर रजनी डांगी, संरक्षक राजकुमार फत्तावत, संस्थान के महामंत्री अशोक कोठारी, श्याम नागौरी, शशि भंडारी ने भी विचार व्यक्त किए। शिविर के प्रतिभागियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
शिविर में आए विषय विशेषज्ञों रेखा सोनी, स्वीटी छाबड़ा, प्रिया छाबड़ा, फिरोज खान, प्रियांशु, रणजीत सोलंकी आदि का सम्मान किया गया। इस अवसर पर आयोजित विभिन्न स्पर्धाओं चटनी स्पर्धा में श्वेता नैनावटी, नेहा तातेड़ एवं स्नेहलता चोरडिया, आम व्यंजन में हिना चौहान, ऋतु सेठ एवं श्वेता नैनावटी, मल्टी क्यूजिन में ऋतु सेठ, गरिमा कोठारी एवं दीपिका जैन, सलाद में बरखा मेहता, सरस्वती एवं सलोनी सियाल तथा केक में हिना चौहान, भव्या जैन एवं नयन करणपुरिया क्रमशः प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे।
प्रकोष्ठ की अध्यक्ष विजयलक्ष्मी गलुण्डिया ने शिविर का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 24 मई से शुरू हुए शिविर में प्रतिभागियों ने पहले दिन से उत्साह दिखाया। शिविर में एरोबिक्स, जुम्बा, अभिरूचि, धर्म, कला, अध्यात्म, रसोई, आकस्मिक दुर्घटनाओं में फर्स्ट एड, नाड़ी शास्त्र आदि की जानकारी दी। प्रकोष्ठ की संपूर्ण कार्यकारिणी विशेष रूप से मंजू फत्तावत, प्रमिला दलाल, सुमन डामर, आशा कोठारी, पुष्पा सुराणा, उर्मिला नागौरी, सविता पगारिया, सुशीला मेहता, कुसुम जैन, मीना पगारिया ने मिल-जुलकर शिविर को सफल बनाया। संचालन ज्योत्सना जैन ने किया। मंगलाचरण हर्षिता एंड ग्रुप ने किया।