उदयपुर। चाइल्ड कोनिसलर एवं ब्रेन एक्टिवेशन एक्सपर्ट श्रीमती मोनिका भण्डारी ने बताया कि बच्चों को जीनियस बनाने के लिए मिड ब्रेन का एक्टीवेशन किया जाना आवश्यक है। जब ब्रेन के दाये एंव बांये भाग का आपसी समनवयए बेहतर होता है तो बालक जीनियस बनता है।
वे रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित ब्रेन एक्टिवेशन एण्ड डीएमआईटी विषयक वार्ता में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रही थी। उन्होंने बताया कि बच्चों में समझने की बहुत क्षमता होती है लेकिन हम उसका उपयोग नहीं कर पाते है। गत 1 वर्ष में मिड ब्रेन एक्टिवेशन की तकनीक बच्चों के जीवन को सही दिशा देने में काफी कारगर साबित हुई है। बच्चों पर अपनी पसन्द थोप कर उसके जीवन की दिशा बदलने का प्रयास करते है जो उसके भविष्य के लिए काफी घातक साबित होता है।
उन्होंने बताया कि हम ब्रेन वेव बीटा, अल्फा, थीटा एण्ड डेल्टा वेव के जरिये ब्रेन का एक्टिवेशन कर सकते है। उन्हेोंने बताया कि मेडीटेशन ब्रेन को बहुत तेज बनाता है। बच्चों में रिकॉल की समस्या बहुत पायी जाती है जिसे इस एक्टिवेशन से हल किया जा सकता है। डीएमआईटी यानि डर्मेटोलोजिफिक्स मल्टीपल इंटेलिजेंस टेस्ट के जरिये बच्चों के टेलेन्ट का पता लगाया जा सकता है। प्रत्येक बालक जीनियस होता है लेकिन टेलेन्ट को बाहर निकाल कर उसे सही दिशा देने की जरूरत होती है।
भण्डारी ने कहा कि अभिभावक बच्चों के इनर वल्र्ड को बहुत डिस्टर्ब करते है जिस कारण वह परेशान हो कर अपने भविष्य के मार्ग से भटक जाता है। प्रत्येक बच्चें का पढऩे का तरीका अलग-अलग होता है इसलिए एक ही कक्षा में,एक ही अध्यापक से एक ही समय में पढऩे वाला बालक परीक्षा में दूसरों से अलग अंक ला कर कोई प्रथम रहता है तो कोई कमजोर रह जाता है। बच्चों पर अपनी पसन्द नहीं थोप कर उसे उसी रूचि अनुसार ही आगे बढ़ाना चाहिये। इस अवसर पर श्रीमती भण्डारी ने बच्चों के जरिये मिडब्रेन एक्टिवेशन का लाइव भी दिखाया।
क्लब अध्यक्ष गजेन्द्र जोधावत ने कहा कि हर अभिभावक को चाहिये कि वे अपने बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को पहिचान कर उसे सही राह दिखानी चाहिये। सचिव सुभाष सिंघवी ने अंत मे धन्यवाद ज्ञापित किया।