उदयपुर। आधुनिक प्रबंध की चुनौतियों और प्रबंध अध्ययन के दौरान विविध चुनौतियों के समाधान की योग्यता विकसित करने के लिए 27 तरह के प्रबंध अध्यापन की शास्त्री व आधुनिक विधियों के समावेश से युक्त यह इंडक्शन कार्यक्रम एमबीए में नवप्रवेशित छात्रों के अदम्य उत्साह और प्रबंधन में समस्या निवारण की विशिष्ट योग्यताएं विकसित करने का में अत्यंत प्रभावी सिद्ध होंगी।
विश्वविद्यालय में एमबीए में नवप्रवेशित सभी छात्रों के लिए दो सप्ताह के इस इंडक्शन कार्यक्रम जो केवल पेसिफिक विश्वविद्यालय की विशिष्टता है जहाँ छात्रों में प्रबन्ध अध्ययन व केम्पस से कार्पोरेट जीवन की ओर अग्रसर होने की अभिवृत्ति प्रारंभ के 2 सप्ताह में ही ठीक से प्ररचित की जाती है। प्रबंध अध्यापन अभिगमों का विशिष्ट सम्मिश्रण है। प्रबंध अध्यापन में आजकल सामान्य व्याख्यान आधारित अध्यापन विधि या सामान्य शिक्षण पेडागोजी से भी आगे बढ़कर एण्ड्रागाजीकल व ह्यूटागोजीकल प्रणालियों के बढ़ते उपयोग के कारण छात्रों को इंडक्शन के दौरान ही इन सभी अध्यापन पद्धतियों से रूबरू कराकर संपूर्ण 2 वर्ष के अध्यापन कार्यक्रम को प्रेक्टिस आधारित बना दिया जाता है।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय प्रेसीडेन्ट डॉ. बीपी शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए डा. शर्मा ने कहा कि आधुनिक समय में प्रबंधन की चुनौतियाँ और प्रबंध अध्ययन के दौरान इन चुनौतियों के समाधान की योग्यता विकसित करने के लिए यह इंडक्शन कार्यक्रम अत्यन्त प्रभावी सिद्ध होगा। संकाय डीन प्रो. महिमा बिड़ला ने कार्यक्रम में भाग ले रहे विद्यार्थियों का स्वागत करते हुए कहा कि छात्रों के लिए इंडक्शन कार्यक्रम में देश के ख्यातनाम प्रबंध विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा। छात्रों को सभी प्रकार की प्रशिक्षण विधियों यथा केस स्टडी, सिमुलेशन, मैनेजमेंट गेम्स, फिश बाउल पेडागोजी, अनुभव अर्जन जैसे अध्यापन अभ्यासों का विधिवत अनुभव दिलाया जाएगा। इसीलिए देश में विभिन्न प्रबंध संस्थानों में 2 से 5 दिन चलने वाले इंडक्शन सप्ताह के स्थान पर यह 2 सप्ताह का इंडक्शन कार्यक्रम बनाया गया है। इस कार्यक्रम में डॉ. पुष्पकान्त शाकद्विपी, प्रो. हरविन्दर सोनी एवं शिवोहम सिंह ने भी छात्रों का मार्गदर्शन किया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. कादम्बरी जैन, डॉ. खनिका चौधरी व सीए दिशा फत्तावत ने किया।