विद्यापीठ में विश्व युवा कौशल विकास दिवस पर कार्यशाला
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक जनशिक्षण एवं विस्तार कार्यक्रम निदेशालय की ओर से विश्व युवा कौशल विकास दिवस पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने किया।
अध्यक्ष डॉ. मंजू मांडोत, विशिष्टि अतिथि एवं मुख्य वक्ता विश्वभूषण मेहता ने सरस्वती की मूर्ति पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलित किया। कार्यशाला में राजस्थान विद्यापीठ द्वारा ग्रामीण अंचलों में संचालित सेंटर्स के प्रभारियों ने भाग लिया तथा उन्हे कौशल विकास के मंत्रालय के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कहा कि आज की नई पीढ़ी के पाठ्यक्रमों को कौशल विकास के साथ जोड़ा जाना चाहिए इस हेतु केन्द्रीय सरकार द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है।
उन्होंने कहा कि इस हेतु केन्द्र सरकार ने स्किल डपलपमेंट का मंत्रालय भी खोला है जिसके माध्यम से नई नई योजनाएं आम जन एवं युवाओं के लिए बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा 600 व्यवसायिक कोर्स इस मंत्रालय द्वारा खोले गये है। उन्होने कहा कि देश के 60 प्रतिशत लोग असंगठित क्षेत्र में कार्य करता है। उन्होंने कार्यशाला में आये केन्द्र प्रभारियों का आव्हान किया वे इन योजनाओं को आम जन तक पहुंचा उन्हे लाभांवित करें।
अध्यक्षता करते हुए निदेशक डॉ. मंजू मांडोत ने कहा कि विद्यापीठ अपने स्थापना काल से ही कौशल विकास के पाठ्यक्रम अपने सेन्टर के माध्यम से आज भी ग्रामीण जन को प्रशिक्षण दे रहे है जिससे ग्रामीण जन अपने पांवों पर खड़ा हो कर अपने परिवार का भरण पोषण कर सकता है। मुख्य वक्ता विश्वभूषण मेहता ने कहा कि स्किल डवलपमेंट हमारी सदियों पुरानी पम्परा है। पुराने कौशल विकास में व्यक्ति घरेलू कामकाज तक ही सीमित रहता है जैसे पापड़, बडी, आचार, सिलाई, बुनाई, कढ़ाई, मांडना, बनाने तक सीमित रहता था। आज के युग में सिर्फ घरेलु कार्य करके अपने परिवार का भरण पोषण करना संभव नहीं है इसके लिए देश की मुख्य धारा के साथ जुड़ना होगा। संचालन चितरंजन नागदा ने किया जबकि धन्यवाद हीरालाल चौबीसा ने दिया।