तेरापंथ भवन में बहुआयामी कार्यक्रम, लोकार्पण समारोह
तुलसी आर्ट गैलरी, लिफ्ट, दो सौ व्यक्तियों के ऑडिटोरियम महाश्रमण सभागार आदि का लोकार्पण
उदयपुर। गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि जीवन की पवित्रता रहने में संतों-साध्वीवृंदों का सबसे बड़ा सहयोग रहता है। धार्मिक कार्यक्रमों में आने का मौका मिलता है तो मन को भी अच्छा लगता है। जीवन की सफलता में संतों-साध्वियों का बहुत बड़ा योगदान है।
वे रविवार को बिजौलिया हाउस स्थित तेरापंथ भवन में श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा के बहुआयामी कार्यक्रम एवं आचार्य भिक्षु के बोधि दिवस को समारोह गौरव के रूप में संबोधित कर रहे थे। मुख्य अतिथि श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशन डागलिया थे। इस अवसर पर तेरापंथ भवन में सेकण्ड फ्लोर, लिफ्ट, तुलसी आर्ट गैलरी, महाप्रज्ञ विहार में महाश्रमण सभागार, रसोईघर, कन्या सुरक्षा सर्किल का लोकार्पण किया गया वहीं तेरापंथ युवक परिषद का पदस्थापना समारोह भी हुआ। सभा के संरक्षक लक्ष्मणंिसह कर्णावट की ओर से बोधि सम्मान फतहलाल पोरवाल को प्रदान किया गया।
महासभा अध्यक्ष बनने के बाद पहली बार किसी सामाजिक कार्यक्रम में आगमन पर डागलिया ने कहा कि कार्यकर्ता की सूझबूझ इसी में है कि एक कार्यक्रम में छह कार्यक्रम करवा दे। ऐसा ही कुछ बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी उदयपुर तेरापंथी सभाध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने कर दिखाया है। उन्होंने समाजजनों से आह्वान किया कि ज्ञानशाला में बच्चों को जरूर भेजें। इससे परिवार संस्कारी होगा तो समाज संस्कारी बनेगा। आचार्य प्रवर ने पहली बार अपने श्रीमुख से प्रत्येक शनिवार को शाम 7 से 8 बजे तक सामायिक करने का फरमाया है। उन्होंने बताया कि देश भर में सभी तेरापंथी परिवारों के प्रत्येक सदस्य का कार्ड बनने जा रहा है।
साध्वी कीर्तिलता ने कहा कि महापुरुष तो जहर पीकर भी अमृत उगलते हैं। आचार्य भिक्षु ऐसे ही महापुरुष थे। वे कभी विद्यालय नहीं गए लेकिन आज विद्यार्थी उनका अनुसरण करते हैं। ऐसे ही सैकड़ों उदाहरण हैं जो आचार्य भिक्षु को महान बनाते हैं। शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी का आचार्य भिक्षु के जीवन में खास महत्व रहा है। उनका विवाह, दीक्षा आदि सभी महत्वपूर्ण कार्य शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को ही हुए। संतों को कभी सताना नहीं चाहिए, उसके दुष्परिणाम मिलते हैं।
उदयपुर सभा के अध्यक्ष राजकुमार फत्तावत ने स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि आज का यह बहुआयामी समारोह शहर की तीनों संघीय संस्थाओं के सहयोग से हो पाया है। करीब 50 लाख रूपए की लागत से निर्मित सभी भवनों, आयामों के लोकार्पण आज किए गए हैं। मेरे कार्यकाल में अब तक करीब तीन करोड़ रूप्ए के कार्य हुए। मुझमें कोई ताकत नहीं थी लेकिन जिस असाधारण शक्ति के बलबूत यह हो पाया, उसके लिए मैं आप सभी के प्रति नतमस्तक हूं। तेरापंथ भवन में लगी तुलसी आर्ट गैलरी के लिए हमारा प्रयास है कि पर्यटन विभाग के साथ इसे भी उदयपुर के दर्शनीय स्थलों में शामिल करा पाएं। यहां समाजजनों की सुविधा के लिए लिफ्ट, सेकण्ड फ्लोर का लोकार्पण, सेकण्ड फ्लोर की साज सज्जा का भी आज लोकार्पण किया गया। महाप्रज्ञ विहार में दो सौ व्यक्तियों के बैठने की क्षमता के वातानुकूलित ऑडिटोरियम महाश्रमण सभागार का लोकार्पण किया गया। महाप्रज्ञ विहार में पार्किंग की समस्या का भी हम जल्द ही समाधान करने की ओर हैं। अंडरग्राउंड पार्किंग के लिए हमारा विचार चल रहा है। महासभा के प्रमुख कार्यक्रम जनगणना सम्बन्धी उदयपुर का प्रभारी दीपक सिंघवी केा नियुक्त किया गया है।
महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रमेश सूथरिया ने कहा कि आज बोधि दिवस पर हम संकल्प करें कि वीर भिक्षु की बताई गई बातों में से दो को भी जीवन में शामिल कर लें तो हमारा जीवन सफल हो जाएगा। डागलिया ने अध्यक्ष का कार्यभार ग्रहण करते समय तीन संकल्प किए थे। कहीं भी सम्मान नहीं लेंगे, साधु-संतों के समकक्ष नहीं बैठेंगे तथा मंच से कभी चंदे की बात नहीं करेंगे।
तेरापंथ महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्पना बैद ने महाप्रज्ञ विहार स्थित कन्या सुरक्षा सर्किल का औपचारिक उद्घाटन करते हुए कहा कि उदयपुर में संघीय संस्थाओं का समन्वय गजब देखने को मिलता है। तीनों संगठनों का एक ही कार्यक्रम अपने आप में बहुत बड़ी बात है। चातुर्मास में साध्वी श्री का सान्निध्य अवश्य लें। इसमें किए गए धर्म का लाभ मिलेगा। महिला मंडल के 4 बड़े कार्यक्रम हाथ में लिए हैं जिनमें स्वस्थ परिवार-स्वस्थ समाज, कन्या सुरक्षा-कन्या विकास, आओ गांव चलें – स्वच्छ और आचार्य तुलसी शिक्षा योजना मुख्य हैं।
अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के उपाध्यक्ष मुकेश गुगलिया ने कहा कि किसी ने श्रम दिया तो किसी ने चिंतन, किसी ने अर्थ दिया। इन सभी को एक मंच पर लाकर सराहनीय कार्य फत्तावत ने किया। उन्होंने संस्कारी पौधे का निर्माण किया जिसकी ख्याति आज देश-विदेश में फैल रही है। परिषद 21 सूत्री कार्य कर रही है। इनमें सबसे बड़ा ब्लड डोनेशन ड्राइव है। 365 दिन देश भर में कहीं न कहीं कोई न कोई शाखा रक्तदान कर रही है। समारोह में साध्वी पूनम प्रभा, साध्वी शांतिलता, साध्वी श्रेष्ठप्रभा, साध्वी गौरवयशा और साध्वी नवीनप्रभा ने मीडिया के महत्व को उजागर करते हुए तेरापंथ न्यूज बुलेटिन प्रसारित किया।
तेरापंथ युवक परिषद के निवर्तमान अध्यक्ष दीपक सिंघवी ने अध्यक्ष राकेश नाहर एवं उनकी कार्यकारिणी को शपथ दिलाई। महिला मंडल ने गीतिका प्रस्तुत की। स्व. भंवरलाल कर्णावट की स्मृति में बोधि सम्मान पुरस्कार लक्ष्मणसिंह कर्णावट ने फतहलाल पोरवाल को प्रदान किया। इसके साथ स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र एवं 21 हजार रुपए का चेक प्रदान किया गया। पोरवाल ने 21 हजार रूप्ए चिकित्सा ट्रस्ट में भेंट किए।
इससे पूर्व समाज के भामाशाहों, दानदाताओं का तिलक, मेवाड़ी पगड़ी, उपरणा, स्मृति चिन्ह, साहित्य भेंटकर महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष किशन डागलिया, कोषाध्यक्ष रमेश सूथरिया, महिला मंडल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कल्पना बैद, अभातेयुप के उपाध्यक्ष मुकेश गुगलिया ने सम्मान किया।
महाप्रज्ञ विहार में महाश्रमण सभागार विनोद जसकरण पोरवाल, रसोईघर कस्तूरचंद सिंघवी, कान्फ्रेंस टेबल उम्मेदसिंह प्रणिता तलेसरा, सेकण्ड फ्लोर साज सज्जा मीठालाल अनिल बोहरा, भोमसिंह मनोज भंसाली, लक्ष्मणसिंह संग्रामसिंह कंठालिया के सहयोग से निर्मित किए गए वहीं लिफ्ट भूपेन्द्र दोशी, रमेश-संगीता पोरवाल, सुरेश तरूणेश पोरवाल, चेनसिंह आजाद तलेसरा, सुरेन्द्र कुमार प्रवीण कोठारी एवं मोतीसिंह आशीश पोरवाल के सहयोग से लगाई गई। तुलसी आर्ट गैलरी का निर्माण मनोहरलाल उर्मिला पोखरना, कमला प्रकाश एवं भंवरलाल महेन्द्र धाकड़ तथा तुलसी दर्शन हॉल का निर्माण लक्ष्मणसिंह, लता पार्थ कर्णावट की ओर से कराया गया।