संगीत संध्या में दर्शक मन्त्र मुग्ध
उदयपुर। संस्कार भारती उदयपुर और पं जगन्नाथ प्रसाद स्मृति मंच के संयुक्त तत्वावधान में गुरु पूर्णिमा पर मंगलवार शाम को सूचना केंद्र में आयोजित कलागुरु अभिनन्दन और संगीत संध्या समारोह में कला साहित्य एवम् संगीत विधा के वरिष्ठ सप्तऋषि कला गुरुओं का सम्मान किया गया।
कलागुरुओं में संस्कार भारती उदयपुर के संरक्षक वीरचंद मेहता, पूर्व प्रदेश कला विधा प्रमुख डॉ. राधाकृष्ण वशिष्ठ, साहित्यकार डॉ. कृष्ण कुमार शर्मा, संगीतकार डॉ. प्रेम भंडारी, आधुनिक चित्रकार ललित शर्मा, संगीत वादक हरिओम वर्मा तथा कथक नृत्यांगना शकुंतला पंवार को सम्मानित किया गया। इन सभी का कला संगीत जगत में योगदान एवम् उपलब्धियों का समन्वयक डॉ. कुंजन आचार्य ने परिचय प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि हिन्दू अध्यात्म सेवा संगम के सचिव हेमेन्द्र श्रीमाली ने कलागुरुओं को शाल एवम् प्रशस्ति-पत्र प्रदान करते हुए अभिनन्दन किया।
कलागुरु अभिनन्दन और संगीत संध्या समारोह का प्रारम्भ संस्कार भारती के ध्येय गीत से हुआ जिसे विनिमा जांगिड, सिमरन शेख, रानू मीणा, मानसी ने प्रस्तुत किया। नन्हींु कलाकार झीलम और झूलन ने एक ताल 12 मात्रा का कथक नृत्यम प्रस्तुात कर सबका मन मोह लिया। उनके साथ तबले पर नरेन्द्र , हारमोनियम पर नरेन्द्र तथा बंशी पर उमेश पुरोहित ने संगत की। उभरती गायिका विनिमा जांगिड ने लट उलझी सुलझा जा तथा जीवन नाम सहारा गीतों के जरिए शास्त्री य गायन प्रस्तुेति से समां बांध दिया। नरेन्द्र ब्या वत ने राग यमन में तीन प्रस्तुतियों से माहौल को संगीतमय बना दिया। अशोक शर्मा के एकल तबला वादन पर दर्शक झूम उठे। पं. जगन्नाथ प्रसाद स्मृति मंच का परिचय व अतिथियों का स्वागत संगीत विधा प्रमुख नरेंद्र वर्मा ने दिया। महानगर अध्यक्ष डॉ. धर्मवीर वशिष्ठ ने अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती का परिचय प्रस्तुत करते हुए भारतीय कला एवम् संस्कृति के पुनर्जागरण में संस्कार भारती के महत्वपूर्ण योगदान का उल्लेख किया । इस अवसर पर सूचना एवं जनसम्परर्क विभाग के उपनिदेशक डॉ. दीपक आचार्य का भी अभिनन्देन किया गया। संस्कार भारती के महामंत्री डॉ. सुशील निम्बार्क ने अतिथियों को धन्यवाद दिया। अभिनन्दन समारोह व संगीत संध्या का संचालन साहित्य विधा प्रमुख डॉ कुंजन आचार्य ने किया।