उदयपुर में ब्रिक्स देशों के आपदा प्रबंधन मंत्रियों का सम्मेलन शुरू
उदयपुर। केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि गत कुछ दशकों में राष्ट्रीय आपदाओं की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। आपदाओं से मानव जीवन और संपत्ति को बड़ा नुकसान होता है वहीं यह देश के विकास को भी प्रभावित करती है। ऎसे में आपदा प्रबंधन को मजबूती प्रदान करने के लिए ब्रिक्स देशों को आपस में मिलकर एक ऎसी समग्र रणनीति तैयार करनी चाहिए, जिससे सतत विकास के मार्ग में प्राकृतिक आपदाएं बाधक नहीं बन सके एवं जन-धन और सम्पति के नुकसान से बचा जा सके।
केन्द्रीय मंत्री रिजिजू सोमवार को उदयपुर के उदयविलास में आपदा प्रबंधन विषय पर ब्रिक्स मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के शुभारंभ समारोह को संबोधित कर रहे थे। केन्द्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि ब्रिक्स देशों में सबसे कम शहरी आबादी भारत में 35 प्रतिशत है जबकि ब्राजील में 86 प्रतिशत, रूस में 74, चीन में 56, दक्षिण अफ्रीका में 65 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण, औद्योगिक गतिविधियों के कारण अब आपदाओं का प्रभाव ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा शहरों पर ज्यादा रहता है। ऎसे में अब आपदाओं के प्रभावों को रोकने के लिए चिंतन की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भारत में पूर्व वर्षों में आपदा प्रबंधन कृषि विभाग द्वारा ही किया जाता रहा था और अब इसके लिए अलग से विभाग बनाया गया है। ऎसे में आपदा प्रबंधन अब गुड गवर्नेंस का भाग बन गया है।
उन्होंने कहा हमारी सोच में ही आपदा प्रबंधन होना चाहिए। हम मकान, शहर की सडकें, शॉपिंग मॉल, स्कूल, कॉलेज और यहां तक कि स्ट्रीट पोल तक को इसी के अनुरूप बनाएं। उन्होंने प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए प्राकृतिक आपदारोधी भवनों के निर्माण के प्रयास करने की आवश्यकता भी जताई।
उन्होंने ब्रिक्स देशों से आह्वान किया कि वे आपदा प्रबंधन की दृष्टि से चुनौतियोंको समझें और अपने प्रयासों और विशिष्टताओं को साझा करते हुए ऎसी सामूहिक कार्ययोजना का निर्माण करें जिससे आपदा परिस्थितियों में कम से कम जन-धन का नुकसान हो तथा प्रभावित क्षेत्रों में त्वरित राहत पहुंचाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस कार्य में भारत ब्रिक्स देशों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा हुआ है। उन्होंने जापान का उदाहरण देते हुए बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए हमें जापान जैसे देशों के आपदा प्रबंधन से सीख लेनी होगी।
केन्द्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आपदा को सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखा है और इससे निबटने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने भारत में प्राकृतिक आपदाओं से निबटने के लिए स्थानीय स्तर पर विकसित किए गए अग्रिम चेतावनी तंत्र के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि इससे हाल ही वर्षों में आई सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं में बड़ी राहत प्राप्त हुई है।
समारोह को संबोधित करते हुए राजस्थान के गृह, आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि आपदा देश-काल की सीमाओं में बंधी नहीं है। यह एक चुनौती है जिसका मुकाबला करते हुए अधिकाधिक लोगों को राहत देने के लिए का प्रयास करना होता है।
समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री कार्यालय के अतिरिक्त प्रमुख सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने आपदाओं की भयावहता को उद्घाटित करते हुए तीन तथ्य प्रस्तुत किए और कहा कि समूचे विश्व में पिछले 20 वर्षों में 1.3 मिलियन लोग प्राकृतिक आपदाओं में मारे गए है और इस दृष्टि से प्रतिवर्ष 65 हजार लोग आपदाओं के शिकार होते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 30 वर्षों में आपदाओं के कारण विश्व को 3.5 बिलियन यूएस डॉलर का नुकसान हुआ जो आर्थिक विकास की दृष्टि से कहीं ज्यादा है। उन्होंने तीसरे तथ्य के रूप में बताया कि जापान, यूएसए और न्यूजीलेंड में गत वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए स्पष्ट है कि विकसित देश भी आपदाओं से अछूते नहीं हैं। उन्होंने ग्लोबल वार्मिंग की समस्या पर प्रकाश डाला और भारत में पिछले वर्षों में आई प्राकृतिक आपदाओं को निबटने की दृष्टि अग्रिम चेतावनी तंत्र विकसित करते हुए राष्ट्रीय नीति में किए गए परिवर्तन को उद्घाटित किया तथा ब्रिक्स देशों को भी साझा प्रयासों के माध्यम से इस प्रकार के तंत्र को विकसित करने की दृष्टि से कार्ययोजना बनाने व सशक्त विश्व के निर्माण आह्वान किया।
समारोह में दक्षिण अफ्रीका के सहकारी शासन एवं परंपरागत मामले विभाग के मंत्री डेस वेन रोयीन ने आपदा प्रबंधन के लिए तकनीकी सहयोग करने के साथ ही ब्रिक्स देशों के साथ संयुक्त कार्ययोजना बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता जताई और कहा कि यह सम्मेलन इसके उद्देश्यों को हासिल करने के लिए प्रभावी व सार्थक माध्यम बनेगा।
चीन के नागरिक मामला मंत्रालय के आपदा राहत प्रभाग के महानिदेशक पेंग चेनमिन ने सातवें ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स देशों द्वारा हस्ताक्षरित ऊफा घोषणापत्र और सेंट पीटरबर्ग में ब्रिक्स देशों के मंत्रियों के प्रथम सम्मेलन के अनुसरण में संयुक्त एक्शन प्लान के निर्माण की आवश्यकता जताई और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से हर देश को सहयोग का आह्वान किया।
रूस के नागरिक सुरक्षा एवं जनसंख्या सुरक्षा विभाग के निदेशक ओलेग मान्यूलो तथा ब्राजील के नागरिक सुरक्षा विभाग के राष्ट्रीय सचिव वेस्ले डी अल्मीडा फ्लिंटो ने आपदा प्रबंधन के लिए संबंधित देशों को अनुपने अनुभवों को साझा करने तथा बेहतर मेनेजमेंट सिस्टम विकसित करने के लिए कार्य करने का आह्वान किया। इस मौके पर केन्द्रीय गृह सचिव राजीव महर्षि भी मंचासीन थे। समारोह में अतिथियों का स्वागत उद्बोधन केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव विपिन मलिक ने दिया जबकि आभार प्रदर्शन की रस्म राजस्थान के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री रोहित कुमार ने अदा की। उद्घाटन अवसर पर सांसद अर्जुनलाल मीणा, उदयपुर ग्रामीण विधायक फूलसिंह मीणा, जिला प्रमुख शांतिलाल मेघवाल, महापौर चंद्रसिंह कोठारी, एनडीआरएफ के महानिदेशक ओपी सिंह, एनडीएमएम के सदस्य कमल किशोर, आरके जैन एवं लेफ्टिनेंट जनरल एनसी मरवाह, संभागीय आयुक्त भवानीसिंह देथा, जिला कलक्टर रोहित गुप्ता, एसपी आरपी गोयल आदि अधिकारी उपस्थित थे।