समाज की मुख्य धारा से जोड़ना ही लक्ष्य वंचितों को
उदयपुर। जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय के संघटक विधि महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अरण्य भारती केन्द्र नाई में संचालित सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रवृत्तियों को देख सुझाव दिये।
केन्द्र प्रभारी डॉ. कौशल नागदा ने बताया कि केन्द्र पर संचालित बंधेज, ब्यूटी पार्लर, कम्प्यूटर, सिलाई, बुनाई, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को आज परिप्रेक्ष्य में प्रशिक्षण देकर एक आदर्श केन्द्र के साथ विकसित किया जा रहा है। कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने बताया कि केन्द्र पर प्रशिक्षण लेने वाले प्रतिभागी अन्य गांवों में जाकर जीविकोपार्जन कर सकेगा। शिक्षा के माध्यम से ही मेवाड़ के सुदूर आदिवासी अंचलों में जागरूकता लाई जा सकती है जिनको पं. नागर ने जनभारती केन्द्रों की स्थापना कर शुरूआत की। आज उसी का फल है कि आज विद्यापीठ ग्रामीण अंचलों में स्थापित ग्रामीण जनभारती केन्द्रों पर संचालित विभिन्न रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों से ग्रामीण एवं महिलाएं जुड़ रही है। बालिका, स्वास्थ्य पर कक्षाएं, नशा मुक्ति शिविरों का आयोजन समेकित कृषि, मछली पालन, पशुपालन, फसलों का संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, जिला रोजगार कार्यालय के साथ मिलकर छह माह की अवधि में प्लेसमेन्ट शिविर का आयोजन, यूजीसी ट्राईबल तथा एचआरडी के प्रोजेक्ट लाकर गांवों के विकास में काम करना। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कौशल विकास के नये-नये कोर्स प्रारंभ किये जायेंगे। संचालन विजय दलाल ने किया जबकि धन्यवाद केन्द्र प्रभारी डॉ. कौशल नागदा ने दिया।