उदयपुर। हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम-2016 के तहत स्कूलों में विभिन्न प्रतियोगिताओं का दौर शुरू हो चुका है। राजकीय और निजी दोनों विद्यालयों में प्रतियोगिताओं का दौर चल रहा है।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर में 10 से 13 नवम्बर को बीएन कॉलेज मैदान में हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम का वृहद आयोजन होने जा रहा है। इसके तहत 8 नवम्बर को फतहसागर की पाल पर सामूहिक सम्पूर्ण वंदेमातरम् गायन का आयोजन भी होगा जिसमें कई स्कूलों के बच्चे एक सुर में राष्ट्र्गीत का गायन करेंगे।
इससे पूर्व विभिन्न स्कूलों में स्कूल स्तर पर विभिन्न पारम्परिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, रचनात्मक प्रतियोगिताओं का दौर शुरू हो चुका है। प्रतियोगिताओं के संयोजक सत्यप्रकाश मूंदड़ा ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं में कबड्डी, खो-खो, तैराकी, साइकिल रेस, तीरंदाजी, सितोलिया, रुमाल झपट्टा आदि शामिल हैं। साहित्यिक, सांस्कृतिक, शास्त्रीय प्रतियोगिताएं भी हो रही हैं। इनमें सम्पूर्ण वंदेमातरम् गायन, शास्त्रीय वादन, सुगम संगीत गायन, विचित्र वेषभूषा (मेले की छह थीम पर आधारित) शामिल हैं। इनके साथ समूह प्रतियोगिताओं का दौर भी रहेगा जिनमें शास्त्रीय नृत्य, लोकगीत, देशभक्ति गीत गायन, देशभक्ति नृत्य, लोक नृत्य, नृत्य नाटिका, लघु नाटिका, वंदेमातरम् गायन (सम्पूर्ण) प्रतियोगिताएं शामिल होंगी। रचनात्मक प्रतियोगिताओं में रामचरित मानस चौपाई गायन, संस्कृत श्लो(क गायन, श्रीमद्भगवद्गीता श्लोीक गायन, भाषण, निबंध, चित्रकला, पोस्टर, स्वरचित काव्य पाठ आदि शामिल हैं। प्रतियोगिताएं तीन कक्षा वर्गों में हो रही हैं। कुछ प्रतियोगिताएं छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग व कुछ संयुक्त हैं। पहला बाल वर्ग कक्षा छठी से आठवीं तक, दूसरा किशोर वर्ग नौवीं-दसवीं तथा तीसरा तरुण वर्ग 11वीं-12वीं का निर्धारित किया गया है। मेहंदी व रंगोली प्रतियोगिताएं सिर्फ छात्राओं के लिए होंगी।
मेला अध्यक्ष वीरेन्द्र डांगी व सचिव हेमेन्द्र कुमार श्रीमाली ने बताया कि जैन, सिक्ख, बौद्ध आदि सहित हिन्दू समाज के हजारों पंजीकृत, अपंजीकृत प्रतिष्ठा,न सेवा कार्य कर रहे हैं। उनकी जानकारी समाज तक पहुंचे इसके लिए यह प्रयास किया जा रहा है। इस संगम में 200 स्टालों के प्रदर्शन व 2 लाख दर्शकों का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदर्शन देने वाली संस्थाओं के लिए स्टाल व सम्बंधित सुविधाएं निशुल्क रहेंगी। संस्था को दस गुना दस फीट का स्थान दिया जाएगा जिसमें वे अपने सेवाकार्यों का प्रदर्शन कर सकेंगे। संस्था को 2 प्रतिनिधि भी स्टाल पर रखने होंगे ताकि वे दर्शकों को उनके कार्य समझा सकें। इनका भोजन, नाश्ता, चाय ठहरने आदि की व्यवस्था भी आयोजकों द्वारा निःशुल्क रहेगी।