उदयपुर। मुख्यमंत्री वसन्धुरा राजे आज उदयपुर प्रवास पर पंहुची। उनके उदयपुर प्रवास के दौरान शहर में फिल्मसिटी निर्माण के मांग एवं इससे जुड़े अनेक प्रकार लाभां को मुख्यमंत्री को पुनः अवगत करानंे हेतु फिल्मसिटी संघर्ष समिति द्वारा एक ज्ञापन सौंपा जाएग।
समिति के प्रवक्ता दिनेश गोठवाल ने बताया कि पिछले कुछ समय से शहर में फिल्मसिटी निर्माण की मंाग को लेकर काफी उत्सुकता देखी जा रही है क्येांकि इसके निमाण हो जाने पर स्थानीय लागों के साथ-साथ सरकार को अरबों रूपयों का सालाना राजस्व मिलेगा एवं स्थानीय प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखानें का मौका भी मिलेगा।
समिति के प्रमुख मुकेश माधवानी,अनिल मेहता ,संतोष कालरा मुख्यमंत्री का एक ज्ञापन सौंपेगे जिसमें मुख्यमंत्री को यह बताया जाएगा कि फिल्मसिटी की मांग इसलिये भी जायज है कि झीलों की नगरी के नाम से और अब स्मार्ट सिटी के रूप मंे शामिल हो चुकी इस नगरी में पिछले 40 वर्षो में 500 से अधिक बॉलीवुड, हॉलीवुड,राजस्थानी एवं दक्षिण भारतीय फिल्मों की शूटिंग हो चुकी है और यह आंकड़ा शहर में फिल्म सिटी खोलने की मांग को पुख्ता करता है।
मुकेश मधवानी ने बताया कि उदयपुर में ही फिल्म सिटी का निर्माण इसयलिए भी आवश्यक है कि उदयपुर में अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे का निर्माण किया जा चुका है,प्रोपर एयर, रेलवे एवं बस कनेक्टिवीटी है। साथ ही प्रकृति ने उदयपुर को अरावली उपत्यकाओं की हरी-भरी वादियों से इस प्रकार आच्छादित किया हुआ है कि इसका नैसर्गिंक सौन्दर्य देखते ही बनता है। यहंा के पर्यटक एवं एतिहासिक स्थल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते है।
अनिल मेहता ने बताया कि यदि सरकार उदयपुर में फिल्मसिटी खोलने की मंाग को पूरा करती है तो सरकार को इस फिल्मसिटी से सालाना कम से कम लगभग 5 अरब रूपयंे का राजस्व प्राप्त होगा। हजारों लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्राप्त होगा। स्थानीय प्रतिभाओं को अपनी प्रतिभा दिखानें का मौका मिलेगा।
फिल्मसिटी के लिए आवश्यक भूमि- किसी भी शहर में फिल्मसिटी के निर्माण के लिए कम से कम 200 से 300 बीघा जमीन की जरूरत होगी।
संतोष कालरा ने बताया कि फिल्मसिटी का दर्जा मिलने के बाद इसमें बॉलीवुड के निदेशक यहंा पैसा लगायेंगें। जिसमें अलग-अलग साईजों के हॉल बनेंगे,निर्माता अपने प्रोजेक्ट अनुसार सेट कम लागत में तैयार कर पायेंगें। ठीक उसी अनुसार जैसा हम विभिन्न टीवी चैनलों पर देखते है। जिसम कौन बनेगा करोड़पति, कोमेडी शो विद कपिल आदि प्रमुख है। इसके अलवा शेष बची भूमि पर एयरपोर्ट,रेलवे स्टेशन या किसी गांव का सेट,तालाब का निर्माण कर फिल्मों की शूटिंग की जा सकेगी।
राजस्थानी फिल्मांे को मिलेगा अभयदान- फिल्मसिटी खुलने पर समाप्त होती जा रही राजस्थानी फिल्मों को अभयदान मिलेगा। जहंा कम बजट पर अच्छी लोकेशन पर क्वालिटीयुक्त फिल्मों का निर्माण हो सकेगा। इसके अलावा प्री वेडिंग गानों की शूटिंग के लिए शहर एंव आस-पास के क्षेत्रों में अच्छी लोकेशन उपलब्ध है।
शूटिंग के समय आवश्यक कैमरा, लाईट्स, जिमेजिप,क्रेन,आर्ट आदि विभागों के उपकरण बाहर से मंगाये जाते है और ऐसे में उनकी लागत बहुत ज्यादा आती है। यहंा पर फिल्मसिटी खुलने पर इन सभी की लागत बहुत कम आएगी क्योंकि ये सभी उपरकण यहंा पर उपलब्ध हो पायेंगे। रिकॉर्डिंग, एडिटिंग स्टूडियों,तकनीकी सुविध्धाएं यहंा पर स्थापित हो जाएगी। जिससे फिल्म एवं टीवी सीरियल का हर कार्य यहीं पर सम्पन्न हो जायेगा न कि इसके लिए मुबंई जाना पड़ेगा। देश के अन्य राज्यों का यह कार्य भी यंहा पर कम लागत में आसानी से उपलब्ध होने से यहंा पर अतिरिक्त राजस्व भी मिलेगा।
स्थानीय निवासियों को लाभ-फिल्म निर्माण के लिए फिल्म यूनिट के ठहरने के लिये यहंा पर खाने-पीने की सुविधा, आवागमन के साधन,विदेशी फिल्मों के कलाकारों द्वारा की जाने वाली शॉपिंग,स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ-साथ आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी।
आये दिन शूटिंग होने से यहंा पर फिल्मी सितारों का जमावड़ा लगा रहेगा। जिससे राष्ट्रीय एंव अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर उदयपुर को एक नई पहिचान मिलेगी।
फिल्मसिटी बनने पर यह एक नये पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होगी। ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार रामोजी एवं मुबंई फिल्मसिटी विकसित हो चुकी है। इन फिल्मसिटी की भंाति ही यहंा पर भी फिल्मसिटी में घूमने पर सरकार को राजस्व मिलेगा।