वृहद तैयारी बैठक में कार्यकर्ताओं ने लिया संकल्प
हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम-2016
उदयपुर। उदयपुर में नवम्बर में होने वाले हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम नया इतिहास रचेगा। इसके तहत 8 नवम्बर को फतहसागर की पाल पर होने वाला सामूहिक वंदेमातरम् गायन अपने आप में एतिहासिक कार्यक्रम होगा।
संगम से पूर्व सोमवार रात हुई वृहद तैयारी बैठक में कार्यकर्ताओं ने इस आयोजन को उदयपुर के इतिहास का स्वर्णिम आयोजन बनाने का संकल्प लिया। राष्ट्रीयय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंत सिंह कोठारी तथा जयपुर में हुए हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम के सचिव सोमकांत के निर्देशन में हुई इस बैठक में विभिन्न व्यवस्थाओं के प्रमुखों ने अपनी-अपनी रूपरेखा व तैयारी प्रस्तुत की। वक्ताओं ने कहा कि फतहसागर की पाल पर 8 नवम्बर को जो दृश्या बनेगा वह ऐतिहासिक होगा। पूरा फतहसागर तिरंगी छटा में नजर आएगा। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इस आयोजन में आने की सहमति प्रदान कर दी है। केन्द्रीय मंत्रियों के भी आने की संभावना है। कोठारी ने कहा कि इसके बाद बीएन विश्व।विद्यालय के मैदान में होने वाला तीन दिवसीय मेला सामाजिक समरसता का अनूठा संगम होगा। हर समाज की भागीदारी से यह आयोजन न केवल भारत की विविध रूपा संस्कृति के दर्शन कराएगा, बल्कि वहां आने वाले हर व्यक्ति को यह भी जानकारी मिल सकेगी कि हिन्दू समाज की संस्थाएं छोटे से लेकर वृहद स्तर तक समाजसेवा के कार्यों में कितने समर्पण से जुटी हैं। उन्होंने कहा कि हिन्दू समाज के मठ-मंदिर भी सामाजिक एकता के प्रतीक हैं जिनका साक्षात् दर्शन इस संगम में हो सकेगा। उन्होंने कार्यकर्ताओं को पूरे मनोयोग से इस आयोजन को ऐतिहासिक बनाने में जुट जाने का आह्वान किया।
स्कूली बच्चों की प्रतियोगिताएं
प्री-फेयर एक्टिविटीज के तहत स्कूलों में प्रतियोगिताओं का दौर चल रहा है। इसी के तहत कबड्डी, खो-खो, सितोलिया व रुमाल झपट्टा के सेमीफाइनल व फाइनल मेला मैदान में 11 व 12 नवम्बर को होंगे। प्रतियोगिताओं के लिए शहर को चार जोन में बांटा गया है। इस बीच 19 व 20 अक्टूबर को चारों जोन की पांच बड़ी प्रतियोगिताएं होंगी। इनमें तैराकी प्रतियोगिता आलोक से. 11 में होगी तथा लोक नृत्य, देशभक्ति नृत्य, लघु नाटिका व नृत्य नाटिका प्रतियोगिताएं विद्या निकेतन से. 4 में होगी। इन प्रतियोगिताओं में सीबीएसई के 33, आरबीएसई के 92 व राजकीय 69 विद्यालय जुडे़ हैं।
-कार्यालय प्रभारी गोपाल कनेरिया ने बताया कि रोजाना सुबह-शाम गंगा-गऊ-वृक्ष पूजन व आरती होगी। इस दौरान पूजन से पहले व बाद में व्यक्ति के आभा मंडल के आकलन की भी व्यवस्था की जा रही है। इससे पता चल सकेगा कि पूजन के दौरान व्यक्ति के षरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है।