हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम-2016
उदयपुर। उदयपुर में नवम्बर में होने वाले हिन्दू अध्यात्म एवं सेवा संगम–2016 के अंतर्गत स्कूली प्रतियोगिताओं का दौर जारी है।
बुधवार को आलोक स्कूल सेक्टर-11 में तैराकी तथा विद्यानिकेतन सेक्टर-4 में लोक नृत्य, देशभक्ति नृत्य, लघु नाटिका व नृत्य नाटिका प्रतियोगिताएं षुरू हुईं। विद्या निकेतन से.4 में हुई देशभक्ति नृत्य प्रतियोगिता में द स्टेनवर्ड व राबाउमावि देबारी की टीम प्रथम, एनसीए रकमपुरा रोड द्वितीय तथा मिरेण्डा स्कूल की टीम तृतीय रही। नृत्य नाटिका में एमएमपीएस की टीम प्रथम रही।
पश्चिमी अंधानुकरण के दुष्प्र भाव विषय पर टेलेन्ट सीसे स्कूल की सुलोचना कुमावत, माया डांगी व द स्टेनवर्ड की निमिशा सोलंकी क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। माता पिता की सेवा सच्ची ईश्व र की सेवा है विषय पर निबंध प्रतियोगिता में उच्च प्राथमिक वर्ग में द स्टेनवर्ड की जाह्नवी साहू, भूमिका भण्डारी व विट्टी इंटरनेशनल की प्रत्याषा शुक्ला क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय रहे। सेकण्डरी वर्ग में राष्ट्रे निर्माण में शिक्षक की भूमिका विषय पर निबंध प्रतियोगिता में विट्टी इंटरनेषनल की गुंजन शर्मा व डीपीएस के ताहिर कागजी प्रथम, द स्टेनवर्ड के अर्जुनसिंह राठौड़ व डीपीएस की सौम्या सिंह द्वितीय तथा रॉकवुड्स की ईवा शर्मा व डीपीएस की नव्या चतुर्वेदी संयुक्त रूप से तृतीय रहे।
इससे पूर्व मंगलवार को राजकीय गुरु गोविन्द सिंह उमा विद्यालय में जोन स्तरीय सामूहिक देशभक्ति गीत, सामूहिक लोक गीत व विचित्र वेशभूषा प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य भैरूलाल तेली ने कीं। मुख्य अतिथि पीयूष सुखवाल (शा शि परिषद जिला अध्यक्ष) व विशिष्ट अतिथि अतुल शांडिल्य थे। निर्णायक नलिनी झाला व कंचन शर्मा थी। देशभक्ति गीत व सामूहिक लोक गीत में प्रथम स्थान विश्वास बूढा एवं समूह (राउमावि अम्बामाता) दूसरे स्थान पर खुशबू प्रजापत एवं समूह (राउमावि सीसारमा) तीसरे स्थान पर संजना पाठक एवं समूह (गिरधर विद्या विहार चांदपोल) रहे।
अरावली के बच्चों ने जताया संकल्प : उमरड़ा स्थित अरावली कॉलेज में राष्ट्रीदय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सेवा प्रमुख गुणवंत सिंह कोठारी ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया। उन्होंने भारतीय सनातन संस्कृति से जुड़ी छह थीम पर होने वाले इस संगम के उद्देश्यव और महत्व के बारे में छात्र-छात्राओं को समझाया। साथ ही उन्होंने 8 नवम्बर को फतहसागर की पाल पर होने वाला सामूहिक वंदेमातरम् गायन और बीएन विष्वविद्यालय के मैदान में होने वाले संगम में सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि मेले तो बहुत से लगते हैं लेकिन यह मेला अपने आप में अनूठा है जो हर व्यक्ति को सेवा के क्षेत्र में नई दिषा प्रदान करेगा। कार्यक्रम में संगम के सचिव हेमेन्द्र श्रीमाली, उपाध्यक्ष पुष्पाा पारीख व रानू सिंघवी ने भी विचार व्यक्त किए।