राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा विचार संगोष्ठी
समाज में कार्य करने वाले विभिन्न सामाजिक संगठनों का सम्मान
उदयपुर। श्रम की महत्ता कभी कम नहीं हो सकती। किसी देश भी देश के निर्माण में श्रमिकों के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता। लेकिन बदलते परिवेश में श्रमिकों की उन्नति के लिए शिक्षा जरूरी है।
ग्रामीण महिलाओं को सरकार द्वारा जारी की जाने वाली योजनाओं का लाभ हर व्यक्ति को मिले इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों की कार्य रहे सामाजिक संगठनों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इन संगठनों के लिए द्वारा किया गया प्रचार प्रसार इन क्षेत्रों की महिलाएं भली भांति समझ सकती है। ये विचार शनिवार को राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा फोरम एवं जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ विश्वाविद्यालय के तत्वावधान में उदयपुर स्कुल ऑफ सोशल वर्क के सभागार में प्रथम राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा विचार संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एसएस सारंगदेवोत ने कही।
उन्होंने कहा कि सामाजिक क्षेत्र में कार्य करने वाले संगठनों को आम जन तक योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए साथ-साथ उनके सुख दुख एवं सामाजिक कार्यो में भी भागीदार बनेंगे तो कार्य की सार्थकता होगी। अध्यक्षता करते हुए डॉ. मंजू मांडोत ने महिलाओं का आव्हान किया महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, चाहे वह घर हो या घर के बाहर। समारोह में राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड के निदेशक केएस यादव, संस्थापक सदस्य भेरूलाल गायरी, अध्यक्ष ज्ञानेन्द्र कुमार गौतम, राजीव शर्मा ने भी विचार व्यक्त किए। प्रारंभ में राष्ट्रीय महासचिव सौरभ गुप्ता ने अतिथियों का स्वागत करते हुए समारोह की जानकारी देते हुए प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। समारोह में डॉ. सुनील चौधरी, कुंजबाला शर्मा, डॉ. घनश्याेम सिंह भीण्डर सहित प्रतिनिधि मौजूद थे।
इन मुद्दों पर हुई चर्चा:- एक दिवसीय संगोष्ठी में समाज में गरीबों की सहायता करना, समाज के वर्ग को केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ मिले, सामाजिक सुरक्षा सहायता प्रदान करने के लिए वास्तविक लाभांवितों का चयन करने, जागरूकता कार्यक्रम, आम जन को शिक्षा के प्रति जागरूक करना, विभिन्न योजनाओं में महिलाओं की भागीदारी सुनिष्चित हो आदि विषयों पर चर्चा की गई।