केन्द्र सरकार ने 1 नवम्बर से लागू किया बेनामी एक्ट-2016
उदयपुर। देश में बेनामी सौदों के जरिये धन कमाने वालों को अब कानून के दायरे में लाने एवं उन्हें सजा दिलानें के लिए 1988 में बने बेनामी एक्ट में संशोधन कर उसे बेनामी एक्ट-2016 के नाम से गत 1 नवम्बर से लागू कर दिया। इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद अब आयकर विभाग देश में बेधड़क खरीद-फरोख्त हो रही बेनामी सम्पत्तियों पर शिकंजा कसेगा। दोष साबित होने पर इसमें सजा का प्रावधान भी है।
मुख्य अतिथि अभिमन्यु सिंह ने रोटरी क्लब उदयपुर द्वारा रोटरी बजाज भवन में आयोजित बेनामी ट्रांजेक्शन विषयक वार्ता में बतौर मुख्य वक्ता बोलते हुए उक्त बात कहीं। उन्होंने बताया कि देश में भ्रष्टाचार एवं अपराध के विभिन्न तरीकों से कमाये जाने वाले काले धन को खपाने का मुख्य स्त्रोत बेनामी सम्पत्तियां हैं। इन बेनामी सम्पत्तियों का पता लगाया जा रहा है और उदयपुर में अब तक सैकड़ों बेनामी सौदों का पता लगाया जा चुका है और उन पर धीरे-धीरे कार्यवाही की जाएगी जिसकी शुरूआत हो चुकी है। यादव ने बताया कि जयपुर में सर्किल-1 व जेसीटीआई रेंज 1 के अधिकारी प्रदेश में बेनामी एक्ट के तहत प्रक्रिया प्रारम्भ कर प्रोपर्टी सीज करने का कार्य करेंगे। इनकी शक्तियां सम्पूर्ण राजस्थान होगी। उन्होंने बताया कि बेनामी प्रोपर्टी वह होती है जिसमें कीमत चुकाने वाला व प्रोपर्टीनामधारी व्यक्ति अलग-अलग तथा लाभ पाने वाला तीसरा व्यक्ति होता है, या प्रोपर्टी नामधारी होता ही नहीं है, या जिस व्यक्ति के नाम प्रोपर्टी है उसे पता हीं नहीं कि उसके नाम पर कोई कोई प्रापर्टी खरीदी या बेची जा रही है, या वह व्यक्ति जिसने कीमत चुकाई है जो नॉन ट्रेसेबल हो कर गायब हो जाता है।
उन्होंने बताया कि बेनामी एक्ट के तहत मामलों की कार्यवाही प्रदेश में शीघ्र ही प्रारम्भ होने वाली है। शहर में बेनामी सौदों का पता लगाया जा चुका है जिसकी छंटनी की जा रही है। आयकर विभाग बेनामी सौदों पर रोक लगाने के लिए मुख्य रूप से अपराधों पर भी रोक लगाने का कार्य करेगा क्योंकि अपराधों से कमाये जाने वाले धन का सर्वाधिक निवेश प्रोपर्टी में ही होता है। इस बेनामी एक्ट के साथ-साथ यदि व्यक्ति आयकर कानून एवं मनी लॉन्डरिंग एक्ट का भी दोषी पाया गया तो उसे तीनों कानून के अनुसार सजा हो सकती है।
इससे पूर्व क्लब अध्यक्ष मानिक नाहर ने विगत पखवाड़े में अपना जन्मदिन एवं शादी की सालगिरह मनाने वाले सदस्यों के दीर्घायु जीवन की कामना की। संयुक्त सचिव हेमन्त जैन ने आगामी सप्ताह होने जाने वाले कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की। पूर्व प्रान्तपाल निर्मल सिंघवी ने मुख्य वक्ता यादव का परिचय दिया। इस अवसर पर डॉ. निर्मल कुणावत, महेन्द्र खमेसरा, एनके गुप्ता, डॉ. यशवन्तसिंह कोठारी ने प्रश्न पूछ कर जिज्ञासाएं शान्त की। अंत में लक्ष्मणसिंह कर्णावट ने यादव को स्मृतिचिन्ह प्रदान किया।