प्रताप गौरव केन्द्र का लोकार्पण
उदयपुर। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे ने कहा कि इतिहास में जो लोग अच्छा काम कर गए हैं, उन्हें याद करना हर समाज का कर्तव्य है। आने वाली पीढ़ियों को वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की गौरवगाथा की याद दिलाने के लिए मेवाड़ की हृदय-स्थली पर विश्वस्तरीय प्रताप गौरव केन्द्र का निर्माण किया गया है।
राजे सोमवार को उदयपुर के मनोहरपुरा में 100 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित प्रताप गौरव केन्द्र राष्ट्रीय तीर्थ के प्रथम चरण के लोकार्पण समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए गौरव की बात है कि आज इस राष्ट्रीय तीर्थ का उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत जी ने किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुनिया में कहीं भी राजस्थान का नाम आता है तो महाराणा प्रताप का नाम उससे जरूर जुड़ा हुआ होता है। वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप समिति ने इस केन्द्र के सपने को जमीनी हकीकत में बदलकर न केवल प्रदेश, बल्कि पूरे देश को एक अनुपम सौगात दी है। उन्होंने कहा कि इस तीर्थ के माध्यम से पर्यटकों को देश के गौरवशाली अतीत तथा वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जीवन से जुड़े प्रेरणादायी प्रसंगों का जीवन्त दर्शन कराया जा सकेगा। प्रताप की कर्मभूमि में स्थित यह केन्द्र उनके जीवन दर्शन को जन-जन तक पहुंचाने का काम करेगा। यहां बना ’ध्यान केन्द्र’ पूरी दुनिया से आने वाले पर्यटकों का भारतीय संस्कृति और आध्यात्म से परिचय करवायेगा।
श्रीमती राजे ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक जिले में लोगों की आस्था लोक देवताओं से जुड़ी हुई है। हमारी सरकार ने करीब 180 मंदिरों, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक स्थलों के निर्माण और विकास का काम हाथ में लिया है और जन-जन की आस्था से जुड़े ये सभी काम प्रगति पर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पूरे राज्य में महान विभूतियों और लोक नायकों के जीवन गाथाओं को पैनोरमा के माध्यम से संरक्षित करने का भी प्रयास किया है। भरतपुर जिले के खानवा में राणा सांगा, हनुमानगढ़ जिले के गोगामेड़ी में लोक देवता गोगाजी और नागौर में वीर अमर सिंह राठौड़ के पैनोरमा का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
श्रीमती राजे ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के 11 प्रमुख एवं बडे़ मंदिरों का भी विकास कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले चरण में प्रदेश के इतिहास, यहां के लोक देवताओं और प्रसिद्ध मंदिरों पर काम किया जा रहा है। अगले चरण में दूसरे प्रदेशों एवं देश के प्रसिद्ध स्थलों की जानकारी देने वाले स्मारक बनाए जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में प्रताप गौरव केन्द्र की प्रसिद्धी इतनी फैल जाएगी कि दूर-दूर से लोग उदयपुर आकर महाराणा प्रताप के बारे में जानेंगे और इससे उदयपुर की एक अलग पहचान कायम होगी।
केन्द्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री महेश शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप की सोच को समाज तक ले जाने में प्रताप गौरव केन्द्र अहम भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राजस्थान पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध है। यहां की सांस्कृतिक धरोहर और विरासत पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्रीमती राजे ने यहां की कलां, संस्कृति एवं पर्यटन को ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप की गौरवगाथा को हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रताप गौरव केन्द्र में भव्य म्यूजियम के साथ लाइट एण्ड साउंड शो के लिए राज्य सरकार प्रस्ताव भेजेगी तो केन्द्र 20 करोड़ रुपए की स्वीकृति देगा। श्री शर्मा ने कहा कि महाराणा प्रताप हैरिटेज सर्किट के लिए राज्य सरकार का प्रस्ताव मिलते ही केन्द्र सरकार 100 करोड़ रुपए की स्वीकृति दे देगी।
गृहमंत्री श्री गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि महाराणा प्रताप जंगलों में रहे और जीवन दांव पर लगाकर भी अपना प्रण नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि जब तक ये दुनिया कायम रहेगी महाराणा प्रताप का यह स्मारक उनके जीवन दर्शन की जानकारी देता रहेगा।
मुख्यमंत्री ने हल्दीघाटी युद्ध पर फाइबर मॉडल के माध्यम से लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन किया तथा महाराणा प्रताप की युद्ध शैली को जाना। कार्यक्रम में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री किरण माहेश्वरी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अरूण चतुर्वेदी, वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री राजकुमार रिणवा, शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी सहित कई जनप्रतिनिधि एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।