शतायु टाया का विशेष सम्मान
उदयपुर। वरिष्ठ नागरिक कल्याण समिति उमंग का आठवां स्थापना दिवस रंगारंग कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से मनाया। इस अवसर पर संस्था के 75 वर्ष पार 24 सदस्यों सहित शतायु वरिष्ठ सदस्य केएल टाया का विशेष सम्मान से सम्मानित किया गया।
संस्था के संस्थापक डॉ. सुन्दरलाल दक ने अतिथियों एवं सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि संस्था अपने सदस्यों के माध्यम से उत्तरोत्तर प्रगति करती जा रही है। समारोह को संबोध्तिा करते हुए वैद्य बीआर तनेजा ने कहा कि वाणी का जीवन में बहुत बड़ा महत्व है। वाणी का उपयोग सोच समझ कर करना चाहिये क्योंकि वाणी अनमोल है। अन्य अतिथि विजेन्द्र बापना, आरसी मेहता, डॉ. सुजानसिंह छाबड़ा, पीएल सरणोत, राजकुमार दक ने भी समारोह को संबोधित किया।
75 वर्ष पार वरिष्ठ सदस्यों का सम्मान : समारोह में डॉ. सुन्दरलाल दक ने 75 वर्ष पार वरिष्ठ सदस्यों फतहलाल नागौरी, सरदार जोगेन्दरसिंह सलूजा, विष्णुदत्त डिडवाणिया सोहनलाल तम्बोली, चन्द्रसिंह मुणोत, एसएस जोशी, बलवन्तसिंह ओरडिया, कालूलाल नागौरी, रोशनलाल कोठारी, चन्द्रशेखर सनाढ्य, गौतमलाल कोठारी, शिवदानसिंह तलेसरा, भगवतसिंह बक्षी, सीएस कावड़िया, नन्दकिशोर शर्मा, ओंकारलाल दशोरा, मनोहरलाल शाह, भंवरलाल डागलिया, योगेश भाई सहित 24 जनों एवं आलोक पगारिया का उपरना, पगड़ी एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
समारोह में अंजली जैन ने ए मालिक तेरे बन्दे हम.. पन्ना कारिया ने तेरा मन दर्पण कहलायें.., चन्द्रशेखर सनाढ्य ने युगल नृत्य, मदनलाल सेवक ने जीवन-मरण सो दुख-सुख रो.., शारदा तलेसरा, प्रेम दक, चन्द्रकला मेहता, गिरिजा एवं ललिता सेठ ने शुकन्तला घोष के नत्य निर्देशन में जय-जय गुरू मां.. पर आकर्षक नृत्य, दीपक घोष ने रात भर करवटें बदलते रहे.., दीपक सेठ एण्ड पार्टी ने चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना कभी अलविदा ना कहना की प्रस्तुति ने सभी को आनन्दित कर दिया। अंत में सचिव वर्द्धमान मेहता ने आभार जताया। संचालन आलोक पगारिया ने किया।