एमपीयूएटी के दसवें दीक्षान्त समारोह में कुलाधिपति ने प्रदान की उपाधियाँ
उदयपुर। महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का दसवाँ दीक्षान्त समारोह शनिवार मध्याह्न 12 बजे विश्वविद्यालय परिसर स्थित स्वामी विवेकानन्द सभागार में हुआ।
कुलाधिपति कल्याण सिंह ने कार्यक्रम के प्रारंभ में महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलगीत की सीडी का विमोचन किया। तत्पश्चात् सभागार में कुलगीत का गायन किया गया। युग पुरूष महाराणा प्रताप को नमन करते हुए एवं दीक्षान्त समारोह में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले व उपाधि धारक विद्यार्थियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि सुशिक्षित समाज के निर्माण में हमारे विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि विश्वविद्यालयों का मूल उद्देश्य कृषि में उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाना है। उन्होंने कृषि में उत्पादन पश्चात् तकनीकियों, उपज के परिवहन, भण्डारण, प्रसंस्करण, प्रबन्धन व विपणन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई। साथ ही कृषि विश्वविद्यालयों में कृषि व्यवसाय प्रबन्धन पाठ्यक्रमों को सुचारू रूप से संचालित करने पर बल दिया। राज्यपाल ने विद्यार्थियों का आव्हान करते हुए कहा कि शिक्षा का किसान, गाँव व देश के विकास में उपयोग करें।
समारोह में कृषि मंत्री प्रभुलाल जी सैनी को इस दीक्षांत समारोह में स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर की ओर से उनके कृषि में महत्वपूर्ण योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ फिलोसोफी (एग्रीकल्चर) की मानद उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर बीकानेर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा ने कृषि मंत्री की उपलब्धियों से सदन को अवगत कराते हुए उनके प्रशस्ति पत्र का वाचन किया।
कृषि मंत्री ने कृषि में नवाचारों की आवश्यकता, प्रदेश में कृषि विकास के लिये सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स की स्थापना इत्यादि अनेक बिन्दुओं पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के निर्णयानुसार प्रदेश में आनुवांशिक संशोधित (जीएम) फसलों के उपयोग पर तब तक रोक रहेगी जब तक इन्हें अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सर्वमान्यता नहीं मिल जाती। उन्होंने कृषि में एक्वापोनिक्स एवं हाइड्रोपोनिक्स तकनीकों पर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा बताया कि इससे 11 गुना उत्पादन में वृद्धि की जा सकती है। साथ ही चित्तौड़गढ़ में सीताफल का एवं अन्य जिलों में फ्लोरिकल्चर व अमरूद का सेन्टर ऑफ एक्सीलेन्स खोलने की जानकारी दी।
दीक्षान्त समारोह में दिसम्बर 2015 से नवम्बर 2016 के दौरान योग्य पाये गये 759 विद्यार्थियों को उपाधियाँ एवं 42 वरीयता प्राप्त छात्र-छात्राओं को स्वर्ण पदक से सुशोभित किया गया। स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों मे 27 छात्राएँ एवं 15 छात्र थे।
दीक्षांत समारोह के समन्वयक डॉ. बी. पी. नन्दवाना ने बताया कि इस अवसर पर राजभवन के विशेषाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय, सांसद अर्जुन लाल मीणा, मावली विधायक दलीचन्द डांगी, सुविवि कुलपति प्रो. जेपी शर्मा, स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रो. बीआर छीपा, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर, जोबनेर, कोटा के कुलपति, विशेषाधिकारी, कुलपति एमपीयूएटी ड़ॉ. सुभाष भार्गव सहित अनेक गणमान्य नागरिक, अधिकारी, विश्वविद्यालय के पूर्व एवं वर्तमान निदेशक, पूर्व एवं वर्तमान अधिष्ठाता, विभिन्न संकाय अध्यक्ष, मीडि़या अधिकारी, अतिथि एवं मेडल तथा उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों के अभिभावक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव सुश्री प्रियंका जोधावत एवं समन्वयक डॉ. बीपी नन्दवाना ने किया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में माननीय राज्यपाल महोदय एवं कुलाधिपति श्री कल्याण सिंह के साथ ही विश्वविद्यालय के प्रबन्ध मण्डल एवं अकादमिक परिषद् के सदस्यों ने प्रगमन के रूप में सभागार में प्रवेश किया। कार्यक्रम का प्रारम्भ एवं अन्त राष्ट्रगान से सम्पन्न हुआ।