स्थापना दिवस पर 51 वरिष्ठ कांग्रेसजनों का सम्मान
उदयपुर। उदयपुर देहात जिला कांग्रेस कमेटी ने कांग्रेस पार्टी के 132 वें स्थापना दिवस समारोह आरएमवी स्कूल सभागार में हुआ। पार्टी ध्वज का ध्वजारोहण किया गया।
अध्यक्षता जिलाध्यक्ष लाल सिंह झाला ने की। प्रदेश उपाध्यक्ष एवं प्रभारी महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, रघुवीर सिंह मीणा, पूर्व केन्द्रीय मंत्री डॉ. गिरिजा व्यास, प्रदेश महासचिव एवं सहप्रभारी शंकर यादव आदि अतिथि के रुप में मौजूद थे। वक्ताओं ने कार्यक्रम में पार्टी के गौरवशाली इतिहास की जानकारी दी। कार्यक्रम में दयाराम परमार 51 वरिष्ठ कांग्रेसजनों का शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
प्रवक्ता हेमन्त श्रीमाली ने बताया कि बाद में सभी वरिष्ठ कांग्रेसजनों एवं प्रभारी के नेतृत्व में आरएमवी स्कूल के ग्राउण्ड से पार्टी के झण्डों के साथ कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी करते हुए सूरजपोल चौराहा, अस्थल मन्दिर, मार्शल चौराहा, मण्डी की नाल, धानमण्डी, देहलीगेट चौराहे पर प्रदर्शन करते हुए पैदल मार्च कर विशाल रैली के रुप में शान्ति आनन्दी स्मारक पर पहुंचे, जहां कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के सानिध्य में सभा आयोजित की गई। सभा को सम्बोधित करते हुए प्रभारी मालविया ने वागड़ी भाषा में सम्बोधित करते हुए कहा कि सरकार जश्न मनाने से पहले राजस्थान की जनता को और मेवाड़ की जनता को यह तो बताएं कि उन्होंने 3 साल में ललित मोदी के अलावा किसका भला किया। क्या सरकार ने 3 साल में 15 लाख रोजगार युवाओं को दे दिया।
मानसी वाकल या जयसमन्द या माही डेम जैसी कोई परियोजना की सौगात दे दी। सह प्रभारी शंकर यादव ने कहा कि कांग्रेस गरीब, किसान एवं मजदूर के हक की लड़ाई सड़कों पर उतर कर लड़ेगी और सरकार को चुनावों के समय किये वादों एवं नारों को याद दिलाते हुए उनहें पुरा करने का दबाव बनाएगी। पूर्व सांसद रघुवीर सिंह मीणा ने कहा कि कांगेस ने सदैव कमजोर तबके को उपर उठाने का काम किया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री लोकतन्त्र को राजतन्त्र से चला रही है। सरकारी अधिकारी एवं कर्मचारीयों के लिये सरकार के वरिष्ठ मंत्री स्तरहीन भाषा का प्रयोग कर रहे है। 3 साल पूरा होने पर उदयपुर में जश्न मनाने पहुची मुख्यमंत्री को लेकर मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री उदयपुर की जनता को यह तो बता जाती कि उन्होंने 3 साल में उदयपुर के लिये क्या काम किया और आने वाले 3 वर्षों में कौनसी बड़ी सौगात देने जा रही है। उल्टे गहलोत शासन काल में संचालित राजीव गांधी ट्राईबल यूनिवर्सिटी का नाम बदल कर उसे बांसवाड़ा भेज दिया गया। यह सरकार सिर्फ राजमहलों के ताले खोल व बन्द कराने का काम कर रही है । संचालन श्यामलाल चौधरी ने किया। धन्यवाद की रस्म राजीव सुहालका अदा की।