राजस्थान पत्रकार संघ जयपुर से सदस्यों के नाम पत्र जारी
जयपुर में नई कार्यकारिणी ने संभाला कार्यभार
udaipur. राजस्थान पत्रकार संघ जयपुर की प्रदेश कार्यकारिणी से एक पत्र जारी किया गया है जिसमें बताया गया कि राज्य के विभिन्न पत्रकार साथियों ने संघ को मजबूत बनाने के लिए बैठक आहूत की और नए पदाधिकारियों का चयन किया। प्रदेशाध्यंक्ष उमेन्द्र दाधीच को नियुक्त किया गया है। महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र शर्मा ने पत्र में कहा कि पूर्व अध्यक्ष ललित शर्मा को भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण संघ से बाहर कर दिया गया है। पत्र में आरोप है कि शर्मा के कार्यकाल की जांच की जाए तो करोड़ों के भ्रष्टाचार का खुलासा हो सकता है। हालांकि पत्र पर किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं लेकिन प्रदेशाध्यक्ष उमेन्द्र दाधीच ने दूरभाष पर हुई बातचीत में पत्र के सत्य होने की सहमति व्यक्त की है।
पत्र में कहा गया है कि जार के नाम से ललित शर्मा ने अपनी दुकान चलाने के लिए सिवाय कुछ नहीं किया। वर्ष 1989 में वे खाद व बीज बेचते थे। बकौल पत्र वर्ष 2006 में राजीव जैन के अध्यंक्ष रहते हुए शर्मा ने भ्रष्टाचार का बीज बो दिया। आरोप है कि एनयूजेआई के जयपुर में हुए राष्ट्रीय सम्मेलन में भी दो अन्यच पत्रकारों के साथ मिलकर शर्मा ने लाखों रुपए की चंदा वसूली की। आरोप है कि राजस्थान पत्रकार संघ का नाम समाप्त करने के लिए 2001 के बाद से श्रम आयुक्त को वार्षिक रिटर्न तक पेश नहीं किया गया जिससे श्रम विभाग से राजस्थान पत्रकार संघ का पंजीयन समाप्तत हो गया। बताया गया कि 1 फरवरी 2012 को इन लोगों ने जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ राजस्थान के नाम से नया संगठन पंजीकृत कराने की कार्यवाही की। इन लोगों में ताराशंकर जोशी, संतोष निर्मल, कैलाश त्रिवेदी सहित कई अन्यन पत्रकार भी शामिल थे। पत्र में बताया गया कि डॉ. सुरेन्द्र् शर्मा को इसकी भनक लगते ही वे श्रम विभाग पहुंचे और वहां इन सदस्यों को लताड़ पिलाई।
अंत में उमेन्द्र दाधीच और डॉ. सुरेन्द्र शर्मा ने सदस्यों से पूछा है कि क्या वे ऐसे भ्रष्ट लोगों के साथ रहना चाहेंगे जो भ्रष्ट हैं या संगठन के नाम से अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं। साथ ही ललित शर्मा को किसी भी प्रकार के विज्ञापन या सदस्यता की राशि का भुगतान नहीं करने की चेतावनी दी गई है।
दूरभाष पर इस पत्र के सम्बन्ध में दाधीच से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि तुरंत प्रभाव से राज्य भर की सभी जिला कार्यकारिणीयां भंग कर दी गई हैं। उदयपुर जैसे कुछ जिलों में जिलाध्यक्षों ने शर्मा को खुश कर अपनी दुकानदारी चला रखी थी। उदयपुर में हाल ही कार्यकारिणी के पदाधिकारियों और सदस्यों ने जिलाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्तातव पारित कर जयपुर प्रदेश कार्यालय भिजवाया था। दाधीच ने बताया कि इस मामले की भी मुझे जानकारी है। शर्मा और जिलाध्यक्ष की मिलीभगत से इन कर्मठ पदाधिकारियों और कार्यकारिणी के सदस्यों को ही पद मुक्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि ऐसे कर्मठ सदस्यों को फिर से संगठन से जोड़ा जाएगा। उन्होंने शीघ्र ही उदयपुर दौरा करने की बात भी कही।
(समाचार सदस्यों को भेजे गए पत्र के आधार पर है। इसका सम्बन्ध किसी भी पत्रकार या अन्य व्यक्ति को हानि पहुंचाना नहीं है, इसीलिए मूल पत्र की कापियां भी समाचार के साथ संलग्न की जा रही हैं।)